प्रतापगढ़: राजस्थान में प्रतापगढ़ नगर परिषद (Nagar Parishad Pratapnagar) की लापरवाही का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है. नगर परिषद पर बिजली का बिल बकाया होने के कारण (Power Cut Due To non payment of Hefty amount ) शहर की स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन बिजली निगम ने काट दिया है. विभाग ने अब तक 33 में से 5 इलाकों की बिजली काट दी है. रविवार को बाकी जगहों पर ऐसा ही देखने को मिलेगा. ये सभी इलाके पॉश एरिया में आते हैं.
सड़कों पर पसरा अंधेरा: अब बिजली का कनेक्शन कटने के बाद नगर परिषद की ओर से कोई भी अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है. खुद को कार्यवाहक आयुक्त बता लोगों को नोटिस जारी करने वाले आयुक्त ने भी अब अपने कार्यवाहक आयुक्त होने से मना कर दिया है. नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवाल खड़े कर रही है. दरअसल, स्टेट लाइट के बिलों में से 32 लाख रुपए का भुगतान शहर की जनता ने किया है और बाकी बकाया बिल का भुगतान जो कि नगर परिषद को करना था वो अभी तक जमा नहीं हो पाया है. ऐसे में बिजली निगम ने अजमेर विद्युत निगम के एमडी एनएस निर्माण के निर्देश पर प्रतापगढ़ नगर परिषद की स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काट दिया है. बिजली निगम की इस कार्रवाई के चलते शनिवार रात से शहर की सड़कें अंधेरे में है.
1करोड़ 25 लाख की रकम बकाया: सहायक अभियंता नारायणसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रतापगढ़ नगर परिषद का कुल एक करोड़ 78 लाख का बिल बकाया था जिसमें से 32 लाख रुपए शहर के उपभोक्ताओं ने जमा करा दिया और 21 लाख रुपए का एडजस्टमेंट बिजली निगम से किया गया. इसके बाद नगर परिषद को केवल 1 करोड़ 25 लाख रुपए का बिल जमा करवाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें- कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम : DRDO ने बनाया विशेष हथियार, छिपे हुए आतंकी पल भर में होंगे ढेर
नगर परिषद की बजट की अगर बात की जाए तो नगर परिषद के पास इस वक्त झूठी दलीलों के कुछ भी नहीं है. बजट की कमी के चलते ही पिछले दिनों होने वाला शिवरात्रि का मेला भी नगर परिषद को स्थगित करना पड़ा था. नगर परिषद अब यदि समय पर बिजली निगम के बिलों का भुगतान नहीं करता है तो स्थिति और बद्दतर हो जाएगी. बिजली निगम के मुताबिक बकाया बिलों के भुगतान करने के लिए कई बार नगर परिषद को नोटिस दिया जा चुका है. नगर परिषद को बकाए बिल का भुगतान 31 मार्च से पहले ही करना था लेकिन अब तक भुगतान न होने के कारण निगम को कड़े कदम उठाने पड़े.