नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' को भारतीयों की भावनाओं का प्रकटीकरण करार दिया और कहा कि इस कार्यक्रम से जुड़ने वाला हर विषय जनआंदोलन बन गया. 'मन की बात' की 100वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद परिस्थितियों की विवशता के कारण उनके पास जनता से कट जाने की चुनौती थी, लेकिन ‘मन की बात’ ने इसका समाधान दिया और सामान्य लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया.
उन्होंने कहा, 'मन की बात कोटि-कोटि भारतीयों के 'मन की बात' है. यह उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है. ‘मन की बात’ देशवासियों की अच्छाइयों और उनकी सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है.' मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा पर्व है, जो हर महीने आता है और जिसका सभी इंतजार करते हैं. उन्होंने कहा, 'हम इसमें सकारात्मकता और लोगों की भागीदारी का जश्न मनाते हैं. ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा, वह जनआंदोलन बन गया और लोगों ने इसे जनआंदोलन बना दिया.'
इस क्रम में प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, स्वच्छ भारत अभियान, खादी को लोकप्रिय बनाने और प्रकृति से जुड़े कार्यक्रमों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह रहा है. मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वहां आम जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने, तो वह जीवन अलग था, क्योंकि काम का स्वरूप अलग था, दायित्व अलग थे और साथ ही परिस्थितियों का बंधन व सुरक्षा का तामझाम भी था.
उन्होंने कहा, 'ऐसे में मैं खाली-खाली सा महसूस करता था. 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क भी मुश्किल हो जाएगा. जो देशवासी मेरा सब कुछ हैं, मैं उनसे ही कटकर जी नहीं सकता था. ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया. आम लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया. इस कार्यक्रम ने मुझे कभी भी आपसे दूर नहीं होने दिया.'
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मोदी ने कहा, 'मन की बात ने मुझे लोगों से जुड़ने का जरिया मुहैया कराया. यह मेरे लिए महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है.' प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इसके माध्यम से वह हर महीने के आखिरी रविवार को विभिन्न मुद्दों पर लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हैं. ‘मन की बात’ के लिए श्रोताओं से राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर सुझाव और विचार भी आमंत्रित किए जाते हैं. कार्यक्रम की 100वीं कड़ी से पहले प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम उनके लिए ‘एक विशेष यात्रा’ रहा है.
(पीटीआई-भाषा)