ETV Bharat / bharat

Kashmiri Pandit Protest: राहुल भट्ट की हत्या के बाद पंडितों ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी

संकटग्रस्त कश्मीर के हाल के इतिहास में पहली बार है, जब सैकड़ों कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार किया है. प्रदर्शनकारियों ने श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर जाने वाले एक महत्वपूर्ण मार्ग को भी जाम कर दिया. साथ सत्ताधारी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने पर्याप्त सुरक्षा की मांग की और कहा कि सुरक्षा नहीं मिली तो हम सामूहिक इस्तीफा दे देंगे.

raw
raw
author img

By

Published : May 13, 2022, 1:25 PM IST

श्रीनगर: पंडित समुदाय के सदस्य राहुल भट को कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत नियुक्त किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा योजना शुरू किए जाने के बाद से तत्कालीन राज्य में विभिन्न विभागों में 6000 से अधिक पंडितों को सरकारी नौकरी दी गई थी.

यहां तक ​​कि जब इन कर्मचारियों ने घाटी भर में सामान्य कार्यालयों में काम करना शुरू किया तो उन्हें इस उद्देश्य के लिए बनाए गए विशिष्ट समूहों में सुरक्षित आवास भी दिया गया. पंडितों का बड़ा प्रदर्शन मध्य जिले बडगाम के शेखपोरा में ऐसे ही एक समूह के बाहर आयोजित किया गया. कई जगहों पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई. उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गया. चार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने रोते हुए कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शोक संवेदना के लिए उनके पास जाने की जहमत तक नहीं उठाई.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सुबह 11 बजे तक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह नहीं आए. हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था और हमने राहुल भट की हत्या के खिलाफ हवाई अड्डे की ओर मार्च करने का फैसला किया. हमने प्रशासन और पुलिस को सूचित किया कि एलजी को घटनास्थल का दौरा करना चाहिए और हमें हमारी सुरक्षा और न्याय के बारे में आश्वासन देना चाहिए लेकिन वह हमसे नहीं मिले.

राहुल भट्ट की हत्या के बाद पंडितों ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी

एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारे भाई को उनके कार्यालय के अंदर उनकी मेज पर मार दिया गया था. हम अपने शहीद भाई को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. वह अपने कार्यस्थल पर बहुत लोकप्रिय थे लेकिन उनकी हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि राहुल भट के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. उनके बच्चों को उनके बच्चों की शिक्षा का ध्यान रखना चाहिए और उनकी पत्नी को जम्मू में सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए. एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से काफी उम्मीदें थीं लेकिन वह हमारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.

उन्होंने कहा कि मोदी जी कहां हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज बुरी तरह विफल रहा है. कहा कि हमें यह नौकरी नहीं चाहिए. हम सामूहिक इस्तीफे देने के लिए तैयार हैं. या हमें जम्मू स्थानांतरित किया जाना चाहिए और वहां काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए. पुलिस ने कहा कि जब उन्होंने एक महत्वपूर्ण सड़क को अवरुद्ध किया तो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों द्वारा पथराव करने के बाद हमें आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.

यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir: सरकारी कर्मचारी की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन

इसी तरह के विरोध की खबरें दक्षिण कश्मीर के मट्टन और वेसु गांवों से आई हैं जहां पंडित समान संरक्षित कॉलोनियों में रहते हैं. अगस्त 2019 से कश्मीर में अधिकारियों ने हिंसा की घटनाओं में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह पहली बार है जब किसी नागरिक की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया है.

श्रीनगर: पंडित समुदाय के सदस्य राहुल भट को कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत नियुक्त किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा योजना शुरू किए जाने के बाद से तत्कालीन राज्य में विभिन्न विभागों में 6000 से अधिक पंडितों को सरकारी नौकरी दी गई थी.

यहां तक ​​कि जब इन कर्मचारियों ने घाटी भर में सामान्य कार्यालयों में काम करना शुरू किया तो उन्हें इस उद्देश्य के लिए बनाए गए विशिष्ट समूहों में सुरक्षित आवास भी दिया गया. पंडितों का बड़ा प्रदर्शन मध्य जिले बडगाम के शेखपोरा में ऐसे ही एक समूह के बाहर आयोजित किया गया. कई जगहों पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई. उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गया. चार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने रोते हुए कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शोक संवेदना के लिए उनके पास जाने की जहमत तक नहीं उठाई.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सुबह 11 बजे तक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह नहीं आए. हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था और हमने राहुल भट की हत्या के खिलाफ हवाई अड्डे की ओर मार्च करने का फैसला किया. हमने प्रशासन और पुलिस को सूचित किया कि एलजी को घटनास्थल का दौरा करना चाहिए और हमें हमारी सुरक्षा और न्याय के बारे में आश्वासन देना चाहिए लेकिन वह हमसे नहीं मिले.

राहुल भट्ट की हत्या के बाद पंडितों ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी

एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारे भाई को उनके कार्यालय के अंदर उनकी मेज पर मार दिया गया था. हम अपने शहीद भाई को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. वह अपने कार्यस्थल पर बहुत लोकप्रिय थे लेकिन उनकी हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि राहुल भट के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. उनके बच्चों को उनके बच्चों की शिक्षा का ध्यान रखना चाहिए और उनकी पत्नी को जम्मू में सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए. एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से काफी उम्मीदें थीं लेकिन वह हमारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.

उन्होंने कहा कि मोदी जी कहां हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज बुरी तरह विफल रहा है. कहा कि हमें यह नौकरी नहीं चाहिए. हम सामूहिक इस्तीफे देने के लिए तैयार हैं. या हमें जम्मू स्थानांतरित किया जाना चाहिए और वहां काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए. पुलिस ने कहा कि जब उन्होंने एक महत्वपूर्ण सड़क को अवरुद्ध किया तो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों द्वारा पथराव करने के बाद हमें आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.

यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir: सरकारी कर्मचारी की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन

इसी तरह के विरोध की खबरें दक्षिण कश्मीर के मट्टन और वेसु गांवों से आई हैं जहां पंडित समान संरक्षित कॉलोनियों में रहते हैं. अगस्त 2019 से कश्मीर में अधिकारियों ने हिंसा की घटनाओं में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह पहली बार है जब किसी नागरिक की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.