Nag Panchami 2022: यहां शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है नागपंचमी का पर्व, जानें क्या है वजह - खंडवा नागदेवता की मृत्यु
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खंडवा। पूरे देश में नागपंचमी का पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है, लेकिन खंडवा जिले के पछाया गांव में नागपंचमी का पर्व शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है. ग्रामीणों का मानना है कि, वर्षों पूर्व इस दिन नागदेवता की मृत्यु हुई थी. इसके चलते परंपरानुसार नागपंचमी पर यहां दिन भर ना तो पूजा-पाठ होती है. ना ही नारियल दूध चढ़ाया जाता है. पछाया निवासी सीताबाई बताती हैं कि, इस दिन अगर कोई रिश्तेदार आता है तो उसे गांव में प्रवेश नहीं दिया जाता है. तो वहीं 70 वर्षीय नवल सिंह दरबार ने बताया कि यह परंपरा 100 साल से भी अधिक पुरानी है. भगवान सिंह की मानें तो यह परंपरा इनके पैदा होने के पहले से चली आ रही है. नाग पंचमी के दिन यहां सभी घरों में तुवर की दाल और ज्वार की रोटी बनाई जाती है. शाम को भी बासी रोटी खाई जाती है. गांव में शोक दिवस मना कर किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं दिया जाता है. (Nag Panchami 2022)