परंपरागत दीपावली से सराबोर बुंदेलखंड,देवउठनी एकादशी तक रहेगी बरेदी लोकनृत्य की धूम
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बुंदेलखंड की लोककला और संस्कृति अपने आप में अनोखी है. दीपावली पर भी यहां कई परंपराएं और लोक संस्कृति देखने को मिलती है. बुंदेलखंड में दीपावली देवउठनी एकादशी तक मनायी जाती है. दीपावली के दूसरे दिन ग्वाल समाज के लोग गोवर्धन पूजा के साथ ही बरेदी लोक नृत्य नृत्य करके दीपावली का पर्व मनाते हैं. सदियों से चली आ रही मोनिया की परंपरा के साथ बरेदी नृत्य की शुरुआत होती है. जो लोग मनोकामना का मौन व्रत धारण करते हैं,वो मोनिया कहलाते हैं. मोनिया व्रत धारण करने वाले 12 गांव की परिक्रमा कर वापस आते हैं. तब तक उनके साथ ही बरेदी लोक नृत्य करके दीपावली का पर्व मनाते हैं.