नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया क्या है 'ब्लैक मून'
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नर्मदापुरम। विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शुक्रवार को खगोलीय घटना के संबंध में जानकारी साझा की है. सारिका ने बताया कि आज (19 मई शुक्रवार) को अमावस्या को चंद्रमा ब्लैक मून होगा. अमावस्या को न दिखने वाले चंद्रमा के नामकरण के बारे में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि 21 मार्च से आरंभ होकर 21 जून को समाप्त होने वाली तीन महीने में चार अमावस्या हैं. इनमें से शुक्रवार (19 मई) को तीसरी अमावस्या है. तीन महीने के किसी एक सीजन में चार अमावस्या आने पर तीसरी अमावस्या को ब्लैक मून कहा जाता है. यह पिछले कुछ सालों से शब्द प्रचलन में आ गया है. यह घटना लगभग 33 महीने बाद होती है. सारिका ने बताया कि यह इस साल की पांचवीं अमावस्या है. ब्लैक मून की केवल यही एक परिभाषा नहीं है बल्कि किसी एक ही अंग्रेजी माह में अगर दो अमावस्या होती हैं तो महीने की दूसरी अमावस्या को भी ब्लैक मून कहते हैं. एक अन्य परिभाषा के अनुसार अगर फरवरी माह में अमावस्या न हो तो जनवरी एवं मार्च में दो अमावस्या होती हैं. इसे भी ब्लैक मून कहा जाता है. सारिका ने बताया कि प्रत्येक अमावस्या को चंद्रमा सूर्य के सीधा सामने होने से पृथ्वी से उसका चमकीला भाग नहीं दिखता है. इसलिये चंद्रमा दिखाई नहीं देता है. लेकिन साल में 2 से 5 बार तक होने वाले सूर्यग्रहण की घटना में इसे सूर्य को पूर्ण या आंशिक रूप से ढंकते हुये देखा जा सकता है. आगामी ब्लैक मून 31 दिसंबर 2024 को होगा.