यूं ही नहीं लोगों के दिलों में बसता है भोपाल, यहां केवल सूरमा भोपाली नहीं...सुनिए कितने हैं भोपाली
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भोपाल। शोले फिल्म में सूरमा भोपाली का जो कैरेक्टर अमां कां जा रिए बोलता है और आप ठठा कर हंसते हैं, असल में इस रोल की इंस्पिरेशन जावेद अख्तर साहब को नाहर सिंह से मिली थी. ये आप जानते ही होंगे, लेकिन सूरमा भोपाली से लेकर आज के भोपाली जोक्स तक भोपालियों के जिस अंदाज पर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाते.. ये ज़ुबान ये अंदाज तखल्लुस भोपाली का दिया हुआ था. तखल्लुस भोपाली ने पानदान वाली खाला और गफ्फूर मियां के नाम से दो कैरेक्टर तैयार किए थे, जो तंज और मजे के उसी लहजे में बात करते थे, जिसे आप आज भोपाली कहते हैं. वैसे सूरमा भोपाली के पहले भी फिल्म अधिकार में प्राण बन्ने खां भोपाली का किरदार निभा चुके थे, लेकिन भोपाली लहजे को शोले और सूरमा भोपाली के जरिए ही पूरी दुनिया में पहचान मिली. बाद में सूरमा भोपाली के नए जमाने के वर्जन के बतौर लईक भोपाली भी आए, लेकिन इनका वजन जरा कम था.