दीवार फिल्म के डायलॉग के जरिए चीफ जस्टिस रवि ने लोगों को दिया जीवन दर्शन का पाठ - advocate general office in Jabalpur
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जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ ने नए महाधिवक्ता कार्यालय के भूमि पूजन के दौरान सभागार में मौजूद लोगों एक मजबूत देश के निर्माण का रास्ता बताया. जस्टिस मलिमथ का कहना है कि "यदि हमें देश को मजबूत करना है तो हमें देश की संस्थाओं को मजबूत करना होगा और संस्थाएं वहां काम करने वाले लोगों से बनती है, तो पूरी जरूरत मजबूत व्यक्ति से शुरू होती है. यदि आदमी मजबूत होगा तो वह संस्था को मजबूत करेगा और मजबूत संस्थाएं एक मजबूत देश का निर्माण करेंगे. एक मजबूत आदमी कैसे निर्मित होता है, इसके लिए जस्टिस मलिमथ ने एक फिल्मी डायलॉग के जरिए उदाहरण दिया. जस्टिस रवी मलिमथ ने अपनी बात अमिताभ बच्चन के दीवार फिल्म के डायलॉग से शुरू की, जिसमें अमिताभ बच्चन अपने साथी कलाकार से कहते हैं कि मेरे पास बंगला है गाड़ी है तेरे पास क्या है, इस पर शशि कपूर बोलते हैं कि मेरे पास मां है. न्यायमूर्ति रवि मलिमथ में इस डायलॉग के जरिए यह समझाने की कोशिश की. जिंदगी में नैतिक मूल्य समर्पण और संवेदनाएं जरूरी है. केवल धन दौलत और ऐसो आराम का सामान इकट्ठा कर लेने से कोई मजबूत नहीं बन सकता. जस्टिस रवी मलिमथ का यह भाषण बहुत ही प्रासंगिक है, क्योंकि हमारे समाज में इन दिनों नैतिक मूल्यों और संवेदनाओं की जगह पैसे ने ले ली है और लोग पैसे के लिए है. अपनी भावनाओं से समझौता कर रहे हैं. इस नैतिक पतन की वजह से समाज का ईमानदार नैतिक मूल्यों पर चलने वाला सही आदमी खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है.