लकड़ी से नहीं, गाय के गोबर से बनी गौकाष्ठ से जलेगी होली

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भोपाल। धूम-धाम से मनाया जानें वाला पर्व होली सामाजिक सौहार्द और एकता का प्रतीक है. इस पर्व में देशभर में विधि-विधान के अनुसार होलिका दहन किया जाता है. राजधानी भोपाल में दहन होने वाली छोटी-बड़ी होलिका में सैकड़ों क्विंटल से ज्यादा लकड़ी जला दी जाती है. पर्यावरण संरक्षण और वातावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए लकड़ी जलाने पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है. दरअसल इस बार होलिका दहन 17 मार्च को होना है. भोपाल में लकड़ी की जगह कई जगह गोकाष्ठ की होलिका दहन करने की तैयारी की जा रही है. लकड़ी को जलाने से रोकने और होलिका दहन की परंपरा का निर्वहन करने के लिए गोबर से बनी गोकाष्ठ को बढ़ावा दिया जा रहा है. गोकाष्ठ संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण समिति ने होलिका दहन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. समिति के सदस्य ममतेश शर्मा के अनुसार होलिका दहन के लिए आमजन को सुगमता से गोकाष्ठ उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए शहर के 31 स्थानों पर गोकाष्ठ विक्रय काउंटर लगाए जाएंगे. शहरवासी 10 रु प्रतिकिलो की दर से गोकाष्ठ खरीद सकेंगे. यह गोकाष्ठ 25 एवं 30 किलो के कपड़े के बैग में भी उपलब्ध कराई जाएगी. गुजराती समाज ने भी इसके लिए पहल की है. समाज के अध्यक्ष संजय पटेल पिछले कई सालों से छोटे स्तर पर गोकाष्ठ का काम कर रहे थे. अब बड़े स्तर पर यह काम इन्होंने लिया है. 2 दिन पहले तक जितने लोग इनके पास पहुंचकर रजिस्ट्रेशन कराएंगे. उनको नि:शुल्क गोकाष्ठ उपलब्ध कराई जाएगी.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:19 PM IST

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