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बारिश के लिए करवाई मेंढक-मेंढकी की शादी, धूमधाम से निकाली बारात

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Published : Aug 4, 2020, 4:53 PM IST

विदिशा जिले में बीते कई दिनों से बारिश नहीॆ होने के चलते ग्रामीण अब टोटकों का सराहा ले रहे हैं. इसी के चलते बीते दिन ग्रामीणों ने मेंढक-मेंढकी की शादी करवाई.

Frog-frog wedding arranged in Vidisha
करवाई मेंढक-मेंढकी की शादी

विदिशा। मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश को लेकर इन दिनों टोटकों का सहारा लिया जा रहा है. अच्छी बारिश के लिए विदिशा के गुरारिया हवेली गांव में मेंढक-मेंढकी की शादी हिंदू रीति-रिवाज से कराई गई. ग्रामीणों का कहना है कि पुराने समय में यदि बारिश नहीं होती थी, तो मेंढक-मेंढकी की शादी कराई जाती थी. माना जाता है कि मेंढक-मेंढकी को साथ रखा जाए तो इंद्र देवता प्रसन्न होकर अच्छी बारिश करते हैं.

मेंढक-मेंढकी की शादी
प्रदेश के अन्य जिलों के साथ विदिशा में भी मानसून हर साल 15 जून तक आ जाता था, लकिन इस बार अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिले के अधिकतर लोग खेती पर निर्भर हैं, ऐसे में बारिश नहीं होने पर धान सोयाबीन की फसल पर संकट मंडरा रहा है. इसी को लेकर गांव के लोग अच्छी बारिश के लिए इस तरह के अनोखे टोटकों का सहारा ले रहे हैं.
Frog-frog wedding arranged in Vidisha
मेंढक की बारात लगाते ग्रामीण
गुरारिया हवेली में बकायदा ग्रामीण मेंढक की बारात लेकर मेढ़की के घर पहुंचे. बारात ढोल-धमाकों के साथ धूमधाम से निकाली गई. मेंढक की शादी गांव के शिव मंदिर में कराई गई. दूल्हा के रूप में मेंढक को सजाया गया, वहीं मेढ़की को दुल्हन की तरह सजाया गया. जिसके बाद दोनों को गंगाजल से स्नान कराया गया साथ ही सात फेरे कराए गए. इस दौरान ग्रामीणों ने फूलों की बारिश भी की.

ग्रामीण दीवान सिंह किरार ने लड़की का कन्यादान करते हुए कहा कि हमारे यहां यह परंपरा रही है. बुजुर्ग जब बारिश नहीं होती थी, तो मेंढक मेढ़की का विवाह संपन्न करवाते थे. जब इन दोनों के साथ रखा जाता है, तो इंद्र देवता अच्छी बारिश करते हैं. हमारा इस शादी में विश्वास है और उम्मीद भी है. इस शादी के बाद जिले में अच्छी बारिश होगी. वहीं जब गांव वालों से 21वीं सदी में इस टोटके के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जब देश में ताली और थाली के विश्वास पर कोरोना वायरस को भगाने की कोशिश की जा सकती है, तो मेंढक-मेढ़की की शादी के बाद अच्छी बारिश क्यों नहीं हो सकती.

Frog-frog wedding arranged in Vidisha
शिवमंदिर के बाहर हुई मेंढक-मेंढकी की शादी

एक अन्य ग्रामीण मोहर सिंह किरार बताते हैं, मेंढक-मेंढकी की शादी कराने के बाद हमें पूरी तरह से भगवान में आस्था है. इंद्र देवता इस शादी के बाद शहर में अच्छी बारिश करेंगे. यह अनोखा टोटका गांव में पहली बार नहीं हो रहा, बल्कि जब-जब जिले में बारिश नहीं हुई, तब तक उनके ग्रामीणों ने इस टोटके का सहारा लिया है. अच्छी बारिश के लिए अनोखे टोटके का सहारा गांवों में ही नहीं, बल्कि महानगर भी इससे अछूते नहीं हैं. पिछली साल भोपाल में अच्छी बारिश को लेकर शादी कराई गई, जब बारिश ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. जिसके बाद बारिश रोकने के लिए तलाक भी कराया गया था.

विदिशा। मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश को लेकर इन दिनों टोटकों का सहारा लिया जा रहा है. अच्छी बारिश के लिए विदिशा के गुरारिया हवेली गांव में मेंढक-मेंढकी की शादी हिंदू रीति-रिवाज से कराई गई. ग्रामीणों का कहना है कि पुराने समय में यदि बारिश नहीं होती थी, तो मेंढक-मेंढकी की शादी कराई जाती थी. माना जाता है कि मेंढक-मेंढकी को साथ रखा जाए तो इंद्र देवता प्रसन्न होकर अच्छी बारिश करते हैं.

मेंढक-मेंढकी की शादी
प्रदेश के अन्य जिलों के साथ विदिशा में भी मानसून हर साल 15 जून तक आ जाता था, लकिन इस बार अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिले के अधिकतर लोग खेती पर निर्भर हैं, ऐसे में बारिश नहीं होने पर धान सोयाबीन की फसल पर संकट मंडरा रहा है. इसी को लेकर गांव के लोग अच्छी बारिश के लिए इस तरह के अनोखे टोटकों का सहारा ले रहे हैं.
Frog-frog wedding arranged in Vidisha
मेंढक की बारात लगाते ग्रामीण
गुरारिया हवेली में बकायदा ग्रामीण मेंढक की बारात लेकर मेढ़की के घर पहुंचे. बारात ढोल-धमाकों के साथ धूमधाम से निकाली गई. मेंढक की शादी गांव के शिव मंदिर में कराई गई. दूल्हा के रूप में मेंढक को सजाया गया, वहीं मेढ़की को दुल्हन की तरह सजाया गया. जिसके बाद दोनों को गंगाजल से स्नान कराया गया साथ ही सात फेरे कराए गए. इस दौरान ग्रामीणों ने फूलों की बारिश भी की.

ग्रामीण दीवान सिंह किरार ने लड़की का कन्यादान करते हुए कहा कि हमारे यहां यह परंपरा रही है. बुजुर्ग जब बारिश नहीं होती थी, तो मेंढक मेढ़की का विवाह संपन्न करवाते थे. जब इन दोनों के साथ रखा जाता है, तो इंद्र देवता अच्छी बारिश करते हैं. हमारा इस शादी में विश्वास है और उम्मीद भी है. इस शादी के बाद जिले में अच्छी बारिश होगी. वहीं जब गांव वालों से 21वीं सदी में इस टोटके के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जब देश में ताली और थाली के विश्वास पर कोरोना वायरस को भगाने की कोशिश की जा सकती है, तो मेंढक-मेढ़की की शादी के बाद अच्छी बारिश क्यों नहीं हो सकती.

Frog-frog wedding arranged in Vidisha
शिवमंदिर के बाहर हुई मेंढक-मेंढकी की शादी

एक अन्य ग्रामीण मोहर सिंह किरार बताते हैं, मेंढक-मेंढकी की शादी कराने के बाद हमें पूरी तरह से भगवान में आस्था है. इंद्र देवता इस शादी के बाद शहर में अच्छी बारिश करेंगे. यह अनोखा टोटका गांव में पहली बार नहीं हो रहा, बल्कि जब-जब जिले में बारिश नहीं हुई, तब तक उनके ग्रामीणों ने इस टोटके का सहारा लिया है. अच्छी बारिश के लिए अनोखे टोटके का सहारा गांवों में ही नहीं, बल्कि महानगर भी इससे अछूते नहीं हैं. पिछली साल भोपाल में अच्छी बारिश को लेकर शादी कराई गई, जब बारिश ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. जिसके बाद बारिश रोकने के लिए तलाक भी कराया गया था.

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