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मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीण, जिला पंचायत CEO से लगाई मदद की गुहार

भूत परासी ग्राम पंचायत के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, जिसकी कई बार शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई, जिस पर ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से शिकायत की है.

villagers with ceo
शिकायत करते ग्रामीण
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Published : Jun 18, 2020, 5:15 PM IST

विदिशा। भूत परासी ग्राम पंचायत के ग्रामीण अपने ही सरपंच-सचिव की शिकायत लेकर जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचे. ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव पर आरोप लगाया कि विकास की बात तो दूर ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हैं. इतना ही नहीं सरपंच का रिश्तेदार भी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहा है. कई बार शिकायत दर्ज कराने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, अब जिला पंचायत सीईओ मयंक अग्रवाल से ग्रामीणों ने लिखित शिकायत की है.

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत में सरपंच का परिवार लगभग चार वर्षों से भ्रष्टाचार कर रहा है. मनरेगा के तहत कुएं की खुदाई स्वीकृत हुई थी, कागज में कुएं भी बन गए, पर जमीन पर एक भी कुआं नहीं दिख रहा है. यही हाल बलराम तालाब का भी है, जहां मनरेगा के तहत मजदूरों से काम कराया जाना था. वहां मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, बल्कि मशीनों से काम कराया जा रहा है.

लॉकडाउन में गरीबों की मदद के लिए बैंकों में सहायता राशि दी गई है, उसका भुगतान भी सरपंच के रिश्तेदार कमीशन लेकर कर रहे हैं. जिला पंचायत सीईओ ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. सीईओ ने कहा कि ग्राम पंचायत की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

विदिशा। भूत परासी ग्राम पंचायत के ग्रामीण अपने ही सरपंच-सचिव की शिकायत लेकर जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचे. ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव पर आरोप लगाया कि विकास की बात तो दूर ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हैं. इतना ही नहीं सरपंच का रिश्तेदार भी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहा है. कई बार शिकायत दर्ज कराने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, अब जिला पंचायत सीईओ मयंक अग्रवाल से ग्रामीणों ने लिखित शिकायत की है.

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत में सरपंच का परिवार लगभग चार वर्षों से भ्रष्टाचार कर रहा है. मनरेगा के तहत कुएं की खुदाई स्वीकृत हुई थी, कागज में कुएं भी बन गए, पर जमीन पर एक भी कुआं नहीं दिख रहा है. यही हाल बलराम तालाब का भी है, जहां मनरेगा के तहत मजदूरों से काम कराया जाना था. वहां मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, बल्कि मशीनों से काम कराया जा रहा है.

लॉकडाउन में गरीबों की मदद के लिए बैंकों में सहायता राशि दी गई है, उसका भुगतान भी सरपंच के रिश्तेदार कमीशन लेकर कर रहे हैं. जिला पंचायत सीईओ ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. सीईओ ने कहा कि ग्राम पंचायत की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

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