विदिशा। कुर्बानी का त्योहार ईद उल अज़हा(Eid ul Adha 2023) आज मनाया जाएगा. ईदगाह सहित अनेक मस्जिदों में विशेष नमाज़ अता की जाएगी. इसके साथ ही अमन और ख़ुशहाली के लिये सामूहिक दुआ भी होगी. मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्ष मुआज़ मेहमूद कामिल ने बताया कि ईदगाह में ईद की नमाज सुबह 7:15 बजे एवं जामा मस्जिद, मस्जिद मुगलटोला में सुबह 7:30 बजे, मस्जिद झूलनपीर और मदीना मस्जिद में सुबह 7:45 बजे, मस्जिद सब्जी फर्रोशन में सुबह 8:15 बजे ईद की विशेष नमाज अदा की जाएगी.
ये है मान्यता : ईद की विशेष नमाज़ अदा करने के बाद हलाल जानवरों की परम्परागत कुर्बानियां शुरू होंगी, जो तीन दिनों तक होती रहेंगी. गरीबों को सदका ख़ैरात बांटी जाएगी. कामिल ने कहा कि ईद-उल-अज़हा(Bakrid 2023) का त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि अब से 4 हज़ार साल पूर्व, हज़रत इब्राहीम (अ.स.) ने अल्लाह पाक का हुक्म पूरा करने के लिये अपने बेटे इस्माईल (अ.स.) की कुर्बानी की थी. मगर उनकी जगह अल्लाह की कुदरत ने एक दुमबे (भेड़) को कुर्बान करवा दिया. कामिल ने बताया कि उन्होंने समाज से ईद उल अजहा के त्यौहार पर अपील भी की है कि जो भी कुर्बानी करें वो परदे में ही करें. जिससे किसी को तकलीफ ना हो.
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कौन कराएगा कुर्बानी : अल्लाह पाक को हज़रत इब्राहीम (अ.स.) के ज़रिये की गई अपने बेटे हज़रत इस्माईल (अ.स.) की कुर्बानी करने की भूमिका और अदा इतनी पसंद आई कि अल्लाह पाक ने क़यामत तक के लिये सारी दुनिया के साहिबे हैसियत मुसलमानों के लिए इस कुर्बानी को फ़र्ज़ और लाज़िम कर दिया है. मुफ्ती आलिम बताते हैं कि अगर कुर्बानी जायज है, लेकिन वह नहीं कराता है तो यह बहुत बड़ा गुनाह है.