विदिशा। शहर की जीवनदायिनी कही जाने वाली बेतवा नदी का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. देश के चुनिंदा तीर्थ स्थलों में विदिशा के चरण तीर्थ का नाम भी शामिल है. लेकिन वर्तमान में बेतवा नदी की दुर्दशा है. सभी घाटों पर गंदगी का अंबार लगा है. पानी रुकने के कारण उस पर काई जम गई है. इसे लेकर श्रद्धालुओं में काफी निराशा और नाराजगी है. जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन की ओर आस भरी निगाह से देखा जा रहा है. लेकिन कोई असर नहीं हो रहा. बता दें कि मकर संक्रांति पर हजारों की तादाद में लोग बेतवा नदी में उसकी पवित्रता को देखते हुए डुबकी लगाने आते हैं. लेकिन यहां पर जिस प्रकार से गंदगी पसरी है, उससे श्रद्धालु निराश हो रहे हैं.
अब सफाई कराने का हवाला : इस मामले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से एडीएम अनिल डामोर का कहना है कि नगर पालिका के माध्यम से जल्दी ही सफाई कराई जाएगी. नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि राकेश शर्मा ने कहा कि घाटों की सफाई की जा चुकी है. नदी में जो काई जमी है, उसे मोटर बोट चलाकर हटाया जाएगा. बता दें कि अभी सर्दियों का मौसम चल रहा है. इस दौरान विदिशा की जीवनदायनी बेतवा नदी में गंदगी का अंबार लग गया है. मुख्य घाटों पर गंदगी इतनी अधिक हो गई है कि लोगों को नहाना भी मुश्किल हो गया है.
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लगातार प्रदूषित हो रही है बेतवा : बता दें कि बेतवा नदी के आसपास कई गांव हैं. जिनकी सिंचाई बेतवा नदी से ही होती है. साथ ही बेतवा नदी पर बने स्टॉप डैम से विदिशा के लोगों को पानी मिलता है. लोगों का कहना है कि विदिशा की गंदगी नालों से से बेतवा में छोड़ी जाती है. इस कारण नदी लगातार दूषित हो रही है. बेतवा घाट के बीचोंबीच चरण तीर्थ नाम का एक प्राचीन स्थान है. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम वनवास के दौरान विदिशा के इस चरण तीर्थ नामक स्थान से निकले थे और उनके चरण यहां पड़े थे, तभी से इसे चरण तीर्थ नाम दिया गया.