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मंडी बंद होने से किसानों का भुगतान अटका, परेशानी से जूझ रहा अन्नदाता - Farmers payment stuck

कोरोना संक्रमण के चलते 10 दिनों के लिए विदिशा-सिरोंज-गंजबासौदा की मंडियों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जबकि समर्थन मूल्य पर गेहूं-चने की बिक्री के बावजूद किसानों का दस करोड़ का भुगतान अटका है, जिसके चलते किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

Payment of farmers stalled due to closure of market
मंडी बंद होने से किसानों का भुगतान अटका
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Published : Jul 29, 2020, 1:10 PM IST

विदिशा। कोरोना संक्रमण के चलते 10 दिनों के लिए विदिशा-सिरोंज-गंजबासौदा की मंडियों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जबकि समर्थन मूल्य पर गेहूं-चने की बिक्री के बावजूद किसानों का दस करोड़ का भुगतान अटका है, जिसके चलते किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिन किसानों ने कर्ज लिया था, उसका ब्याज भी बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि पहले किसानों पर मौसम की मार, फिर फसल बेचने की जद्दोजहद और अब भुगतान नहीं होने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जिले में अप्रैल-मई के महीने में गेहूं और चने की खरीदी हुई थी. अभी तक किसानों का भुगतान नहीं हो सका है. जिससे पूरे जिले के किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का भुगतान नहीं होने पर अगली फसल की चिंता किसानों को सता रही है. पैसा नहीं होने से किसान खाद नहीं खरीद पा रहे हैं और न ही कीटनाशक खरीद पा रहे हैं. दूसरी ओर कृषि उपज मंडी बंद होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है. वहीं भुगतान नहीं होने पर किसानों का त्योहार भी फीका पड़ता नजर आ रहा है.

जिले के 62 खरीदी केंद्रों पर चना और मसूर की खरीदी की गई थी. जिसमें मसूर की मात्र 5 क्विंटल ही खरीदी हुई थी, लेकिन चना 865 मीट्रिक टन खरीदा गया. जिसका अभी तक करीब दस करोड़ रुपए भुगतान बाकी है. अधिकारियों की माने तो नेफेड से पेमेंट नहीं आने के कारण किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है.

विदिशा। कोरोना संक्रमण के चलते 10 दिनों के लिए विदिशा-सिरोंज-गंजबासौदा की मंडियों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जबकि समर्थन मूल्य पर गेहूं-चने की बिक्री के बावजूद किसानों का दस करोड़ का भुगतान अटका है, जिसके चलते किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिन किसानों ने कर्ज लिया था, उसका ब्याज भी बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि पहले किसानों पर मौसम की मार, फिर फसल बेचने की जद्दोजहद और अब भुगतान नहीं होने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जिले में अप्रैल-मई के महीने में गेहूं और चने की खरीदी हुई थी. अभी तक किसानों का भुगतान नहीं हो सका है. जिससे पूरे जिले के किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का भुगतान नहीं होने पर अगली फसल की चिंता किसानों को सता रही है. पैसा नहीं होने से किसान खाद नहीं खरीद पा रहे हैं और न ही कीटनाशक खरीद पा रहे हैं. दूसरी ओर कृषि उपज मंडी बंद होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है. वहीं भुगतान नहीं होने पर किसानों का त्योहार भी फीका पड़ता नजर आ रहा है.

जिले के 62 खरीदी केंद्रों पर चना और मसूर की खरीदी की गई थी. जिसमें मसूर की मात्र 5 क्विंटल ही खरीदी हुई थी, लेकिन चना 865 मीट्रिक टन खरीदा गया. जिसका अभी तक करीब दस करोड़ रुपए भुगतान बाकी है. अधिकारियों की माने तो नेफेड से पेमेंट नहीं आने के कारण किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है.

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