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आज भी मौजूद है सदियों पुराने हस्तलिखित गुरु ग्रंथ साहिब, इसे देखने दूर-दूर से आते हैं लोग

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Published : Dec 1, 2020, 7:35 PM IST

विदिशा की गंजबासौदा तहसील में आज भी हस्तलिखित गुरु ग्रंथ साहिब मौजूद है. पूरे देश में सिर्फ पांच ही ऐसी जगह हैं, जहां हस्तलिखित गुरु ग्रंथ साहिब हैं. इस ग्रंथ साहिब को स्वयं गुरु नानक जी ने स्वर्ण स्याही से लिखा है.

handwritten Gurugranth Sahib
हस्तलिखित गुरुग्रंथ साहिब

विदिशा। जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर गंजबासौदा तहसील अपने आप में कई इतिहासों को संजोए हुए है. गुरु नानक देव से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक ग्रंथ भी यहां मौजूद हैं. सिख धर्म की स्थापना और शुरूआती विकास के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब की हाथ से लिखी हुई एक दुर्लभ प्रति आज भी गंजबासौदा स्थित गुरुद्वारे में रखी हुई है. हस्तलिखित ये ग्रंथ लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां अन्य राज्यों से भी सिख पंथ को मानने वाले लोग ग्रंथ साहिब के दर्शन के लिए आते हैं.

handwritten Gurugranth Sahib
गुरु नानक जी ने स्वर्ण स्याही से लिखा है

पूरे देश में सिर्फ 5 हस्तलिखित गुरुग्रंथ हैं मौजूद

सिख धर्म को मानने वाले लोग बताते हैं की गंजबासौदा के गुरुद्वारे में रखे ग्रंथसाहिब को स्वयं गुरु नानक जी ने स्वर्ण स्याही से लिखा है. यह ग्रंथ उन नितांत ग्रंथो में से एक है जो की पूरे देश में सिर्फ पांच जगहों पर ही मौजूद हैं.

handwritten Gurugranth Sahib
हस्तलिखित गुरुग्रंथ साहिब

महाराष्ट्र से गंजबासौदा लाए थे गुरुग्रंथ साहिब

गंजबासौदा के स्थानीय लोगों के मुताबिक लगभग 335 साल पहले सिख सम्प्रदाय के गंजबासौदा निवासी अनुयायी महाराष्ट्र के नादेड से यह नायाब ग्रंथ नगर में लाए थे. तब से अबतक सिख सम्प्रदाय के अनुयायी इसकी अरदास नियमित रुप से करते चले आ रहे हैं.

विदिशा। जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर गंजबासौदा तहसील अपने आप में कई इतिहासों को संजोए हुए है. गुरु नानक देव से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक ग्रंथ भी यहां मौजूद हैं. सिख धर्म की स्थापना और शुरूआती विकास के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब की हाथ से लिखी हुई एक दुर्लभ प्रति आज भी गंजबासौदा स्थित गुरुद्वारे में रखी हुई है. हस्तलिखित ये ग्रंथ लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां अन्य राज्यों से भी सिख पंथ को मानने वाले लोग ग्रंथ साहिब के दर्शन के लिए आते हैं.

handwritten Gurugranth Sahib
गुरु नानक जी ने स्वर्ण स्याही से लिखा है

पूरे देश में सिर्फ 5 हस्तलिखित गुरुग्रंथ हैं मौजूद

सिख धर्म को मानने वाले लोग बताते हैं की गंजबासौदा के गुरुद्वारे में रखे ग्रंथसाहिब को स्वयं गुरु नानक जी ने स्वर्ण स्याही से लिखा है. यह ग्रंथ उन नितांत ग्रंथो में से एक है जो की पूरे देश में सिर्फ पांच जगहों पर ही मौजूद हैं.

handwritten Gurugranth Sahib
हस्तलिखित गुरुग्रंथ साहिब

महाराष्ट्र से गंजबासौदा लाए थे गुरुग्रंथ साहिब

गंजबासौदा के स्थानीय लोगों के मुताबिक लगभग 335 साल पहले सिख सम्प्रदाय के गंजबासौदा निवासी अनुयायी महाराष्ट्र के नादेड से यह नायाब ग्रंथ नगर में लाए थे. तब से अबतक सिख सम्प्रदाय के अनुयायी इसकी अरदास नियमित रुप से करते चले आ रहे हैं.

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