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Mother's day 2022: लोगों ने किया पौधरोपण, मां की तरह छाया देते हैं पौधे , लगाने के साथ उनका संरक्षण बहुत जरूरी

मदर्स डे पर विदिशा में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां मां औषधीय वाटिका का निर्माण हुआ. इस कार्यक्रम में मुक्ति धाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे भी शामिल हुए. (Mother's day 2022 tree plantation program)

Mother's day 2022
मदर्स डे 2022
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Published : May 8, 2022, 6:36 PM IST

Updated : May 8, 2022, 8:44 PM IST

विदिशा। जिंदगी में जो रिश्ता सबसे खास होता है, वो होता है मां का रिश्ता. मां हमेशा, हर पल अपने बच्चों के साथ खड़ी होती है. चाहे कितना भी बुरा वक्त हो, मां का आशीर्वाद हमेशा अपने बच्चों के साथ बना रहता है. इसी तरह हमारे लिए वृक्ष भी मां की तरह अपना आंचल हमेशा फैला देते हैं. मदर्स डे के मौके पर विदिशा के स्मृति उद्यान में पौधरोपण किया गया. (Mother's day 2022 tree plantation program)

Mother's day 2022 tree plantation program
मातृ दिवस 2022 वृक्षारोपण कार्यक्रम

मदर्स डे पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन: मां के आंचल की छाया में बड़े से बड़ा दर्द छूमंतर हो जाता है, तो वहीं पेड़ की छाया में हम धूप में ठंड़क का ऐहसास लेते हैं, तो वहीं बरसात में बूंदों से बचने की कोशिश करते हैं. रविवार को मदर्स डे पर वृक्षों को मां समान मानते हुए पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मां औषधीय वाटिका का निर्माण हुआ. इस कार्यक्रम में कई लोगों ने अपने परिजनों की याद में पौधे लगाए.

tree plantation program organized in vidisha
विदिशा में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित

जज्बे और हुनर को सलाम: दुर्घटना में खराब हो गए थे दोनों हाथ, बावजूद उन्हीं हाथों से डेवलप की लिखने की आठ स्टाइल

वृक्ष और पेड़ पौधे बिल्कुल मां की तरह हमारे ऊपर आंचल फैला देते हैं, और मां की ही तरह अपनी ममतामई छाया हमें प्रदान करते हैं. इसलिए ये जरूरी है कि हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, जिस प्रकार एक मां निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों का लालन-पालन और उन्हें स्नेह और ममता का आंचल प्रदान करती है, ठीक उसी प्रकार वृक्ष भी हमें निस्वार्थ भाव से फल फूल और ममता की छाया प्रदान करते हैं.

-मनोज पांडे ,सचिव, मुक्तिधाम सेवा समिति, विदिशा

प्रकृति के साथ मां और बेटी की तरह करें व्यवहार: मुक्ति धाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे के मुताबिक मां की ही तरह वृक्ष भी हमें हर समय सब कुछ देना जानते हैं. जिस प्रकार प्रकृति अपना व्यवहार में परिवर्तन ला रही है, उसे लगने लगा है कि अब हमें प्रकृति के साथ भी मां और पुत्र की तरह व्यवहार करना चाहिए. अब जरूरत इस बात की है की चाहे सड़कों के किनारे हो या कोई भी खुला क्षेत्र पौधारोपण अवश्य करें और उन्हें बचाने का संकल्प लें.

विदिशा। जिंदगी में जो रिश्ता सबसे खास होता है, वो होता है मां का रिश्ता. मां हमेशा, हर पल अपने बच्चों के साथ खड़ी होती है. चाहे कितना भी बुरा वक्त हो, मां का आशीर्वाद हमेशा अपने बच्चों के साथ बना रहता है. इसी तरह हमारे लिए वृक्ष भी मां की तरह अपना आंचल हमेशा फैला देते हैं. मदर्स डे के मौके पर विदिशा के स्मृति उद्यान में पौधरोपण किया गया. (Mother's day 2022 tree plantation program)

Mother's day 2022 tree plantation program
मातृ दिवस 2022 वृक्षारोपण कार्यक्रम

मदर्स डे पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन: मां के आंचल की छाया में बड़े से बड़ा दर्द छूमंतर हो जाता है, तो वहीं पेड़ की छाया में हम धूप में ठंड़क का ऐहसास लेते हैं, तो वहीं बरसात में बूंदों से बचने की कोशिश करते हैं. रविवार को मदर्स डे पर वृक्षों को मां समान मानते हुए पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मां औषधीय वाटिका का निर्माण हुआ. इस कार्यक्रम में कई लोगों ने अपने परिजनों की याद में पौधे लगाए.

tree plantation program organized in vidisha
विदिशा में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित

जज्बे और हुनर को सलाम: दुर्घटना में खराब हो गए थे दोनों हाथ, बावजूद उन्हीं हाथों से डेवलप की लिखने की आठ स्टाइल

वृक्ष और पेड़ पौधे बिल्कुल मां की तरह हमारे ऊपर आंचल फैला देते हैं, और मां की ही तरह अपनी ममतामई छाया हमें प्रदान करते हैं. इसलिए ये जरूरी है कि हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, जिस प्रकार एक मां निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों का लालन-पालन और उन्हें स्नेह और ममता का आंचल प्रदान करती है, ठीक उसी प्रकार वृक्ष भी हमें निस्वार्थ भाव से फल फूल और ममता की छाया प्रदान करते हैं.

-मनोज पांडे ,सचिव, मुक्तिधाम सेवा समिति, विदिशा

प्रकृति के साथ मां और बेटी की तरह करें व्यवहार: मुक्ति धाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे के मुताबिक मां की ही तरह वृक्ष भी हमें हर समय सब कुछ देना जानते हैं. जिस प्रकार प्रकृति अपना व्यवहार में परिवर्तन ला रही है, उसे लगने लगा है कि अब हमें प्रकृति के साथ भी मां और पुत्र की तरह व्यवहार करना चाहिए. अब जरूरत इस बात की है की चाहे सड़कों के किनारे हो या कोई भी खुला क्षेत्र पौधारोपण अवश्य करें और उन्हें बचाने का संकल्प लें.

Last Updated : May 8, 2022, 8:44 PM IST
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