विदिशा। आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 76वीं जयंती है, इस अवसर पर उनकी कुछ यादें ईटीवी भारत साझा कर रहा है. जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के ग्राम सेऊ पहुंचे थे, तो उनका स्वागत मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक अंदाज में किया गया था. 33 साल पहले राजीव गांधी प्रधानमंत्री रहते अपनी धर्मपत्नी सोनिया गांधी के साथ ग्रामवासियों से चर्चा करने खुद उनके गांव पहुंचे थे. राजीव गांधी ने खुद विदिशा से ग्राम तक जिप्सी जीप चलाई थी. जब राजीव गांधी ग्राम में पहुंचे तो उनका जमकर फूल मालाओं से स्वागत किया गया.
नई सिंचाई परियोजना की शुरुआत
राजीव गांधी विदिशा के ग्राम सेऊ में काफी देर रुककर ग्रामीणों की कई समस्याओं को सुना, इस दौरान ग्रामवासियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मांग की थी कि सिंचाई के लिए गांव में नई परियोजना की शुरुआत की जाए. प्रधानमंत्री ने भी ग्रामवासियों की मांग तत्काल स्वीकार कर मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा को सिंचाई के लिए नई परियोजना की मंजूरी दी थी. मंजूरी मिलने के बाद आसपास के ग्रामों में एक खुशी की लहर दौड़ गई.
विदिशा में राजीव गांधी के बिताए हुए पल
विदिशा संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद रहे प्रतापभानु शर्मा ने राजीव गांधी के बिताए हुए पलो की यादों ताजा करते हुए कहा कि राजीव गांधी के काम करने का अंदाज बहुत अलग था, केंद्र में बैठकर राजीव गांधी ने देश के हर ग्रामीणों से सीधा संवाद करने की उत्सुकता रखते थे. उस समय संपर्क के इतने साधन नहीं होने के बाद भी पूर्व प्रधानमंत्री ग्रामीणों से सीधा संवाद करते, उनकी समस्या सुनते और तत्काल उन समस्या का निराकरण करवाते थे. इसी के चलते मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के ग्राम सेऊ में उनका कार्यक्रम निर्धारित हुआ था.
कलेक्टर ने रातों रात बनवाई थी कांक्रीट हेलीपेड
प्रताप भानु शर्मा बताते हैं कि उन्हें वो दिन आज भी याद है, जैसे मानों कल की ही बात है. जिस दिन प्रतापभानु शर्मा का विदिशा में दौरा था, उसके एक दिन पहले विदिशा जिले में जोरदार बारिश शुरू हो गई, बारिश के कारण प्रधानमंत्री का हेलीकाप्टर गांव के बाहर ही उतारा गया था और रातों रात कलेक्टर ने कंक्रीट हेलीपेड का निर्माण कराया था.
खुद जिप्सी चलाकर पहुंचे थे ग्राम सेऊ
गांव तक राजीव गांधी को ले जाने के लिए एक जिप्सी का इंतजाम किया गया था, उनके पीछे बाकी और गाड़ियां थीं. कीचड़ से सने रास्ते को राजीव गांधी ने देखा और मोतीलाल बोरा की तरफ इशारा करते हुए कहा गाड़ी मैं खुद ड्राइव करके ले जाऊंगा, जिसके बाद राजीव गांधी ने जिप्सी ड्राइव की और बगल की सीट पर उनकी पत्नी सोनिया गांधी और पीछे की सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा, सांसद प्रतापभानु शर्मा बैठे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी करीब दो किलोमीटर की दूरी तय कर ग्राम सेऊ तक पहुंचे. सेऊ में प्रधानमंत्री को बिना किसी मंच के लकड़ी के खाट पर बैठाकर उनका स्वागत सत्कार किया गया था.
गांधी ने भी देखा था आत्मनिर्भर भारत का सपना
पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा बताते हैं, राजीव गांधी ने आधुनिक भारत, आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री रहते कई योजनाएं भी चला रखी थी. विज्ञान प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बहुत प्रथमिकता दी थी, उन्होंने इंटरनेट, डिजिटल सेवा देकर भारत को डिजिटल देश बनाने की शुरुआत की थी. हिंदुस्तान के हर व्यक्ति के हाथ में फोन पहुंचाने का सपना राजीव गांधी ने देख रखा था. आज हर एक ग्राम में राजीव को याद किया जा रहा है, यही कारण के कि सालों बाद भी राजीव गांधी हिंदुस्तान के दिलों में जिंदा हैं.