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गेहूं बेचने के लिए किसान परेशान, मंडी के बाहर लगी 2 किलोमीटर लंबी लाइन - Vidisha MLC

टैक्टर-ट्रॉलियों में अपनी उपज भरकर उसे बेचने के लिए अपनी बारी का इंतेजार कर रहे किसानों की एक तस्वीर बीते मंगलवार को विदिशा में देखने को मिली. सायलो केंद्र के बाहर रोड पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की करीब 2 किलोमीटर लंगी कतार लगी रही, जिससे किसान खासा परेशान रहे. वहीं, दूसरी ओर जिले में 1 अप्रैल से 91 केंद्रों में गेहूं की खरीद शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 385 किसानों से 34,182 क्विंटल अनाज खरीदा गया है.

Line of trolleys
टैक्टर-ट्रॉलियों की कतार
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Published : Apr 8, 2021, 6:52 AM IST

विदिशा। जिले में किसान कई दिनों से अपनी उपज बेचने को लेकर परेशान हैं. किसान अपनी उपज को टैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर मंडियों में बेचने कि लिए आ रहे हैं, लेकिन सरकारी केंद्रों पर खरीदी समय से न होने से किसान खासा परेशान हैं. किसानों की यह समस्या इस वक्त पूरे प्रदेश में बनी हुई है. लिहाजा किसान सायलो केंद्रों पर घंटो अपनी बारी का इंतेजार करते दिख रहे हैं. अपनी उपज बेचने आए किसानों को सायलो केंद्रों के आगे लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं, जिससे वहां कई किलोमीटर तक सिर्फ टैक्टर-ट्रॉली और परेशान किसान ही नजर आ रहे हैं.

  • विदिशा में 2 किलोमीटर तक दिखे सिर्फ टैक्टर-ट्रॉली

टैक्टर-ट्रॉलियों में अपनी उपज भरकर उसे बेचने के लिए अपनी बारी का इंतेजार कर रहे किसानों की एक तस्वीर बीते मंगलवार को विदिशा में देखने को मिली है. सायलो केंद्र के बाहर रोड पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की करीब 2 किलोमीटर लंबी कतार लगी रही, जिससे किसान खासा परेशान रहे. वहीं, दूसरी ओर जिले में 1 अप्रैल से 91 केंद्रों में गेहूं की खरीद शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 385 किसानों से 34,182 क्विंटल अनाज खरीदा गया है.

  • 50 हजार टन अनाज भंडारण की है क्षमता

विदिशा के स्टील सायलो गोदाम की क्षमता कुल 50 हजार टन अनाज भंडारण की है, लेकिन उसमें 28 हजार टन अनाज पिछले साल से ही भरा हुआ है. इस कारण अब यहां सिर्फ 22 हजार टन अनाज ही भरा जा सकेगा. ऐसे में जिले के किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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  • जिले में कहां-कहां बेचते हैं किसान अपनी फसल

जिले में किसानों को अपनी फसल बेचने में परेशानी न हो इसके लिए सरकार द्वारा जिले में 13 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. लेकिन इतनी क्षमता ज्यादा न होने से जिले के गेहूं किसानों को दूसरे जिलों में अपनी फसल बेचनी पड़ सकती है. गौरतलब है कि एमपी देश में गेहूं की फसल उगाने में अपनी बड़ी भागीदारी निभाता है और यहां से गेंहू का भंडारण कर देश के कई हिस्सों में भेजा जाता है, लेकिन किसानों को अपनी फसल के बचने के लिए जो समस्या आ रही है, उसका अभी तक शासन-प्रशासन हल नहीं निकाल पाया है.

  • क्या है जिले में गेहूं का भाव?

देश में इस वक्त किसान कई मांगों को लेकर महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, किसानों के आंदोलन में एमएसपी पर कानून भी उनकी एक प्रमुख मांग है. हालांकि किसान कई बार आरोप लगाते रहे है कि देश में एमएसपी खत्म कर दी गई है, लेकिन विदिशा जिले में अब भी गेहूं एमएसपी पर ही खरीदा जा रहा है. जिले के खरीद केंद्रों में गेहूं का न्यूनतम मूल्य 1600 रुपए प्रति क्विंटल है और अधिकतम 3475 रुपए प्रति क्विंटल तक गेहूं बिक रहा है.

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  • गेहूं खरीद पर उप-जिलाधिकारी का पक्ष

नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर डी.सी. अमृता गौर का कहना है कि कोविड-19 से बचने के लिए सभी केंद्रों को यह निर्देश हैं कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सभी किसानों- मजदूरों को मास्क, सैनिटाइजर लगाने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि इन सायलो केंद्रों में चौकीदार और आवश्यक कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो लोगों को कोरोना नियमों का पालन करवा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को एसएमएस के जरिए गेहूं तुलाई के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन पिछले 2 दिनों से तुलाई न होने की वजह से भीड़ ज्यादा बढ़ गई है.

  • 200 किसान रोजोना पहुंच रहे

नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर डी.सी. अमृता गौर ने आगे कहा कि फसल विक्रय केंद्रों में रोजोना लगभग 200 किसान पहुंच रहे हैं. उनके बैठने की उचित व्यवस्था की जा रही है, लेकिन मंगलवार को भीड़ बढ़ने से व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

विदिशा। जिले में किसान कई दिनों से अपनी उपज बेचने को लेकर परेशान हैं. किसान अपनी उपज को टैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर मंडियों में बेचने कि लिए आ रहे हैं, लेकिन सरकारी केंद्रों पर खरीदी समय से न होने से किसान खासा परेशान हैं. किसानों की यह समस्या इस वक्त पूरे प्रदेश में बनी हुई है. लिहाजा किसान सायलो केंद्रों पर घंटो अपनी बारी का इंतेजार करते दिख रहे हैं. अपनी उपज बेचने आए किसानों को सायलो केंद्रों के आगे लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं, जिससे वहां कई किलोमीटर तक सिर्फ टैक्टर-ट्रॉली और परेशान किसान ही नजर आ रहे हैं.

  • विदिशा में 2 किलोमीटर तक दिखे सिर्फ टैक्टर-ट्रॉली

टैक्टर-ट्रॉलियों में अपनी उपज भरकर उसे बेचने के लिए अपनी बारी का इंतेजार कर रहे किसानों की एक तस्वीर बीते मंगलवार को विदिशा में देखने को मिली है. सायलो केंद्र के बाहर रोड पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की करीब 2 किलोमीटर लंबी कतार लगी रही, जिससे किसान खासा परेशान रहे. वहीं, दूसरी ओर जिले में 1 अप्रैल से 91 केंद्रों में गेहूं की खरीद शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 385 किसानों से 34,182 क्विंटल अनाज खरीदा गया है.

  • 50 हजार टन अनाज भंडारण की है क्षमता

विदिशा के स्टील सायलो गोदाम की क्षमता कुल 50 हजार टन अनाज भंडारण की है, लेकिन उसमें 28 हजार टन अनाज पिछले साल से ही भरा हुआ है. इस कारण अब यहां सिर्फ 22 हजार टन अनाज ही भरा जा सकेगा. ऐसे में जिले के किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

किसान के घर से एक करोड़ 24 लाख रुपये चोरी, पुलिस के लिए चुनौती बना केस

  • जिले में कहां-कहां बेचते हैं किसान अपनी फसल

जिले में किसानों को अपनी फसल बेचने में परेशानी न हो इसके लिए सरकार द्वारा जिले में 13 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. लेकिन इतनी क्षमता ज्यादा न होने से जिले के गेहूं किसानों को दूसरे जिलों में अपनी फसल बेचनी पड़ सकती है. गौरतलब है कि एमपी देश में गेहूं की फसल उगाने में अपनी बड़ी भागीदारी निभाता है और यहां से गेंहू का भंडारण कर देश के कई हिस्सों में भेजा जाता है, लेकिन किसानों को अपनी फसल के बचने के लिए जो समस्या आ रही है, उसका अभी तक शासन-प्रशासन हल नहीं निकाल पाया है.

  • क्या है जिले में गेहूं का भाव?

देश में इस वक्त किसान कई मांगों को लेकर महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, किसानों के आंदोलन में एमएसपी पर कानून भी उनकी एक प्रमुख मांग है. हालांकि किसान कई बार आरोप लगाते रहे है कि देश में एमएसपी खत्म कर दी गई है, लेकिन विदिशा जिले में अब भी गेहूं एमएसपी पर ही खरीदा जा रहा है. जिले के खरीद केंद्रों में गेहूं का न्यूनतम मूल्य 1600 रुपए प्रति क्विंटल है और अधिकतम 3475 रुपए प्रति क्विंटल तक गेहूं बिक रहा है.

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  • गेहूं खरीद पर उप-जिलाधिकारी का पक्ष

नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर डी.सी. अमृता गौर का कहना है कि कोविड-19 से बचने के लिए सभी केंद्रों को यह निर्देश हैं कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सभी किसानों- मजदूरों को मास्क, सैनिटाइजर लगाने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि इन सायलो केंद्रों में चौकीदार और आवश्यक कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो लोगों को कोरोना नियमों का पालन करवा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को एसएमएस के जरिए गेहूं तुलाई के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन पिछले 2 दिनों से तुलाई न होने की वजह से भीड़ ज्यादा बढ़ गई है.

  • 200 किसान रोजोना पहुंच रहे

नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर डी.सी. अमृता गौर ने आगे कहा कि फसल विक्रय केंद्रों में रोजोना लगभग 200 किसान पहुंच रहे हैं. उनके बैठने की उचित व्यवस्था की जा रही है, लेकिन मंगलवार को भीड़ बढ़ने से व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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