विदिशा। इन दिनों किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में खरीफ की फसल सूखने के कगार पर है और अब किसानों को फसल में इल्ली लगने की चिंता सताने लगी है. यहां 95 हजार 480 हेक्टेयर में खरीफ की फसल होती है. जिले के पठारी में भी पानी का संकट दिखने लगा है. फसलों को बचाने के लिए किसान कहीं इल्ली मारने की दवा डाल रहे हैं तो कहीं आसमान में छाए बादलों को बारिश की आस में ताक रहे हैं.
इस बार विकासखंड में भी फसल के मान से कहीं बारिश है तो कहीं कम बारिश से किसान परेशान हैं. पठारी इलाके की बात की जाए तो यहां लगातार पानी की कमी देखी जा रही है, जिससे किसानों को फसल की चिंता सताने लगी है.
जिले के पठारी भाग में 95 हजार 480 हेक्टेयर में खरीफ की फसल की जाती है. यहां बारिश एक जैसी नहीं हुई, कहीं अच्छा पानी गिरा तो कहीं पानी ही नहीं है. इसका प्रभाव अब फसल पर पड़ रहा है. खरीफ की फसल पर संकट मंडराने लगा है. पठारी इलाके में कुछ जगह बारिश नहीं होने से किसान परेशान भी हैं. किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल को समय पर पानी नहीं मिला तो इसके उत्पादन में भी असर पड़ेगा. उत्पादन में गिरावट आएगी, एक सप्ताह में अगर बारिश अच्छी हो जाती है तो फसल संभल जाएंगी.