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सात महीने से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन, संकट में एसएसएल जैन कॉलेज - कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

विदिशा जिले का सबसे पुराने एसएसएल जैन कॉलेज और स्कूल की हालात दिनोंदिन बेहद खराब होती जा रही है. आलम ये है कि, यहां काम करने वाले कर्मचारी और शिक्षकों को सात माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

Employees at SSL Jain College have not been paid for seven months
संकट में है एसएसएल जैन कॉलेज
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Published : Jun 27, 2020, 9:29 PM IST

विदिशा। जिले का सबसे पुराने एसएसएल जैन कॉलेज और स्कूल की हालत दिनोंदिन बेहद खराब होती जा रही है. दोनो शाखाएं संकट के दौर से गुजर रही हैं. आलम ये है कि, यहां काम करने वाले कर्मचारियों और शिक्षकों को सात माह से वेतन तक नहीं मिल पा रहा है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

छोटे कर्मचारियों का हालत और भी दयनीय है, वो इतने दिन तक उधार मांगकर किसी तरह अपना भरण-पोषण कर रहे थे, लेकिन अब उधार मिलना भी बंद हो गया है. जिसके चलते वो अपने परिवार का भरण पोषण तक नहीं कर पा रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि, एक तरफ बाहर से आये प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर सरकार चिंतित है, लेकिन जो पहले से ही अपने घर में रोजगार में लगे हुए हैं, उन्हें आर्थिक संकट भरे दौर से गुजरना पड़ रहा है. उनका कहना है कि, शिक्षकों को समय पर वेतन मिलना चाहिए.

एसएसएल जैन कॉलेज जिले की सबसे पुराना संस्थान है. इस संस्थान की शाखाओं ने देश को बड़े-बड़े नेता दिए हैं, लेकिन आज ये कॉलेज अपने हालात पर आंसू बहा रहा है. कभी इस कॉलेज में शिक्षकों की संख्या अच्छी खासी होती थी, लेकिन सैलरी समय पर न मिल पाने के कारण अब नाम मात्र के ही शिक्षक कॉलेज में बचे हैं. वो भी बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

विदिशा। जिले का सबसे पुराने एसएसएल जैन कॉलेज और स्कूल की हालत दिनोंदिन बेहद खराब होती जा रही है. दोनो शाखाएं संकट के दौर से गुजर रही हैं. आलम ये है कि, यहां काम करने वाले कर्मचारियों और शिक्षकों को सात माह से वेतन तक नहीं मिल पा रहा है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

छोटे कर्मचारियों का हालत और भी दयनीय है, वो इतने दिन तक उधार मांगकर किसी तरह अपना भरण-पोषण कर रहे थे, लेकिन अब उधार मिलना भी बंद हो गया है. जिसके चलते वो अपने परिवार का भरण पोषण तक नहीं कर पा रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि, एक तरफ बाहर से आये प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर सरकार चिंतित है, लेकिन जो पहले से ही अपने घर में रोजगार में लगे हुए हैं, उन्हें आर्थिक संकट भरे दौर से गुजरना पड़ रहा है. उनका कहना है कि, शिक्षकों को समय पर वेतन मिलना चाहिए.

एसएसएल जैन कॉलेज जिले की सबसे पुराना संस्थान है. इस संस्थान की शाखाओं ने देश को बड़े-बड़े नेता दिए हैं, लेकिन आज ये कॉलेज अपने हालात पर आंसू बहा रहा है. कभी इस कॉलेज में शिक्षकों की संख्या अच्छी खासी होती थी, लेकिन सैलरी समय पर न मिल पाने के कारण अब नाम मात्र के ही शिक्षक कॉलेज में बचे हैं. वो भी बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

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