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मोक्ष पर भी लगा लॉकडाउन !, श्मशान में लगा अस्थियों का जमावड़ा

लॉकडाउन के चलते धार्मिक कार्य भी रुके हुए हैं. इस दौरान जिन लोगों की मौत हुई है. उनके परिजन उनकी अस्थियां भी विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं. जिससे श्मशान घाट में अस्थियों को रखने के लिए बनाए गए लॉकर भी अब भरने लगे हैं.

vidisha news
मोक्ष पर लॉकडाउन
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Published : May 13, 2020, 8:15 PM IST

Updated : May 13, 2020, 10:23 PM IST

विदिशा। लॉकडाउन का असर ना केवल आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों पर दिख रहा है. बल्कि अब इससे धार्मिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से लोग अपने मृत परिजनों की अस्थियां तक विसर्जित नहीं कर पा रहे. आलम यह है कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां रखने वाले लॉकर अब भर चुके हैं. जिससे यहां नई अस्थियां रखने की जगह तक नहीं बची.

मोक्ष पर भी लगा लॉकडाउन

गजंबासौदा के श्मशान घाट में अस्थियां रखने वाले लॉकर भर जाने की वजह से. यहां लोगों ने अपने परिजनों की अस्थियां पेड़ों पर टांग दी है. तो किसी ने उन्हें जमीन के अंदर रख दिया. जबकि उनका अंतिम संस्कार हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय बीत चुका है. लॉकडाउन के चलते मृतकों के परिजन लाख कोशिशों के बाद भी अपनों की अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि अब तो उन्हें लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, ताकि वो अपनों की अस्थियां, पवित्र नदियों में विसर्जित कर उन्हें मोक्ष दिलाएं.

पास की नदीं में करें अस्थि विसर्जन- धर्म गुरु

हालांकि धर्म गुरु अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने इस समस्या पर एक सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि जब तक लॉकडाउन लगा है, तब तक मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों का थोड़ा सा हिस्सा उनके पास जो भी हो नदी में विसर्जित कर दें. ऐसा करने से अंतिम संस्कार के बाद आगे के काम किए जा सकता हैं.

vidisha news
मोक्ष के इंतजार में अस्थियों का जमावड़ा
अस्थि रखने वाला लॉकर में नहीं बच रही जगह
अस्थि रखने वाला लॉकर भी भर गया

सनातन धर्म में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का बड़ा महत्व होता है, इसके बाद अस्थियों को गंगा या यमुना में विसर्जित किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अस्थियों का विसर्जन मृतक की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के इस दौर में अस्थियों को भी मोक्ष के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

विदिशा। लॉकडाउन का असर ना केवल आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों पर दिख रहा है. बल्कि अब इससे धार्मिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से लोग अपने मृत परिजनों की अस्थियां तक विसर्जित नहीं कर पा रहे. आलम यह है कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां रखने वाले लॉकर अब भर चुके हैं. जिससे यहां नई अस्थियां रखने की जगह तक नहीं बची.

मोक्ष पर भी लगा लॉकडाउन

गजंबासौदा के श्मशान घाट में अस्थियां रखने वाले लॉकर भर जाने की वजह से. यहां लोगों ने अपने परिजनों की अस्थियां पेड़ों पर टांग दी है. तो किसी ने उन्हें जमीन के अंदर रख दिया. जबकि उनका अंतिम संस्कार हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय बीत चुका है. लॉकडाउन के चलते मृतकों के परिजन लाख कोशिशों के बाद भी अपनों की अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि अब तो उन्हें लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, ताकि वो अपनों की अस्थियां, पवित्र नदियों में विसर्जित कर उन्हें मोक्ष दिलाएं.

पास की नदीं में करें अस्थि विसर्जन- धर्म गुरु

हालांकि धर्म गुरु अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने इस समस्या पर एक सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि जब तक लॉकडाउन लगा है, तब तक मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों का थोड़ा सा हिस्सा उनके पास जो भी हो नदी में विसर्जित कर दें. ऐसा करने से अंतिम संस्कार के बाद आगे के काम किए जा सकता हैं.

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मोक्ष के इंतजार में अस्थियों का जमावड़ा
अस्थि रखने वाला लॉकर में नहीं बच रही जगह
अस्थि रखने वाला लॉकर भी भर गया

सनातन धर्म में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का बड़ा महत्व होता है, इसके बाद अस्थियों को गंगा या यमुना में विसर्जित किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अस्थियों का विसर्जन मृतक की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के इस दौर में अस्थियों को भी मोक्ष के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

Last Updated : May 13, 2020, 10:23 PM IST
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