विदिशा। करीब 8 माह से लगी रोक के बाद आखिरकार होमगार्ड सैनिकों को रोटेशन प्रणाली से गुजरना पड़ा. जिले के 22 होमगार्ड जवानों को इस रोटेशन प्रणाली के तहत 1 दिसंबर से अगले दो माह के लिए घर बैठा दिया गया है. इन दो महीनों में सैनिकों को कोई मानदेय भी नहीं मिलेगा.
इस रोटेशन प्रणाली के तहत इस वर्ष अप्रैल में ही सैनिकों को दो महीने के लिए बाहर निकाला जा रहा था, लेकिन कोरोना के कारण सरकार ने इस पर रोक लगाकर आगे बढ़ा दिया. अब होमगार्ड डीजीपी के निर्देश के बाद इस प्रणाली को लागू कर दिया गया. इसके बाद जिले के 22 सैनिकों को रोटेशन के तहत दो महीने के लिए हटा दिया गया है.
होमगार्ड सैनिक इस प्रणाली का पहले से ही विरोध करते आ रहे हैं. मुख्यमंत्री तक ज्ञापन दिए गए जिसमें मुख्यमंत्री ने इस प्रणाली हो खत्म करने का आश्वासन भी दिया लेकिन पिछले वर्ष ही इस प्रक्रिया को लागू करते हुए जिले में करीब 20 से ज्यादा सैनिकों को दो माह के लिए बैठाया गया था. 2010 के बाद इसे बंद कर दिया था लेकिन साल 2019 में इसे फिर लागू कर दिया गया.
जानकारी के अनुसार एक होमगार्ड सैनिक को 21 हजार रुपये मानदेय मिलता है. हर साल सरकार बजट का अभाव बताकर पूरे प्रदेश में दो माह तक रोटेशन प्रणाली अपनाती है. इसमें कई वे कल्याणी महिलाएं भी शामिल होती हैं, जिन्हें पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली है. ऐसे में दो माह तक परिवार पर संकट के बादल घिर आते हैं.