उमरिया। उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के दीदार के लिए प्रसिद्ध है और इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल, उमरिया जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क से सटे बीहड़ों में बसे ग्रामीण एक तरफ वन्यजीवों से प्रभावित हैं तो वहीं दूसरी ओर मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं.
ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के ग्राम कोलुहाबाह और गढ़पुरी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस समय वो जंगली हाथियों के उत्पात से बहुत परेशान हैं. इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का कहर इन दिनों ऐसा है कि रात में कभी भी आकर घरों में तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं, जिससे ग्रामीणों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है लेकिन वह अपने घरों को फसलों को नहीं बचा पाते. ग्रामीणों की समस्या को लेकर उमरिया जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि हाथियों का दल जो छत्तीसगढ़ से आया हुआ है, वो पिछले 2 साल से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रुका हुआ है.
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गांवों का विस्थापन होगा : हाथियों का दल समय-समय पर जंगल से सटे गांव में नुकसान भी करते हैं और जो नुकसान होता है उसका निर्धारित मुआवजा भी दिया जाता है. जंगल के कोर एरिया वाले या जहां हाथियों के मूवमेंट वाले एरिया में कोई गांव बसा हुआ है तो उसे विस्थापित किया जाना है. इसके साथ ही शासन ने विस्थापन की राशि भी बढ़ाई है. मेरा ग्रामवासियों से अनुरोध है कि विस्थापन की राशि लेकर शीघ्र ही दूसरे गांव में बसें. (Villagers terrorized by wild elephants) (Wild elephants in Umaria district) (Pleading help to administration)