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Wild Elephants Umaria MP : उमरिया जिले में जंगली हाथियों से आतंकित हैं ग्रामीण, प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार - प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार

उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर बसे गांव या फिर आसपास बसे गांव के लोग इन दिनों जंगली हाथियों से काफी परेशान हैं. आलम यह है कि अंधेरी रातों में घरों से निकलकर जंगल और सड़कों पर आग के सहारे रात काटने को मजबूर हैं. जंगली हाथी आबादी क्षेत्रों में पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहे हैं. कभी फसलों को तो कभी घरों को तोड़ रहे हैं. इंसानों की जान जोखिम में है. ग्रामीण प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. (Villagers terrorized by wild elephants) (Wild elephants in Umaria district) (Pleading help to administration)

Villagers terrorized by wild elephants
हाथियों से आतंकित हैं ग्रामीण
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Published : Jun 22, 2022, 2:58 PM IST

उमरिया। उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के दीदार के लिए प्रसिद्ध है और इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल, उमरिया जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क से सटे बीहड़ों में बसे ग्रामीण एक तरफ वन्यजीवों से प्रभावित हैं तो वहीं दूसरी ओर मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं.

हाथियों से आतंकित हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के ग्राम कोलुहाबाह और गढ़पुरी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस समय वो जंगली हाथियों के उत्पात से बहुत परेशान हैं. इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का कहर इन दिनों ऐसा है कि रात में कभी भी आकर घरों में तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं, जिससे ग्रामीणों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है लेकिन वह अपने घरों को फसलों को नहीं बचा पाते. ग्रामीणों की समस्या को लेकर उमरिया जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि हाथियों का दल जो छत्तीसगढ़ से आया हुआ है, वो पिछले 2 साल से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रुका हुआ है.

शहडोल में हाथियों का आतंक, 3 दिनों में 5 लोगों को कुचला, नाइट विजन ड्रोन कैमरे से हो रही निगरानी

गांवों का विस्थापन होगा : हाथियों का दल समय-समय पर जंगल से सटे गांव में नुकसान भी करते हैं और जो नुकसान होता है उसका निर्धारित मुआवजा भी दिया जाता है. जंगल के कोर एरिया वाले या जहां हाथियों के मूवमेंट वाले एरिया में कोई गांव बसा हुआ है तो उसे विस्थापित किया जाना है. इसके साथ ही शासन ने विस्थापन की राशि भी बढ़ाई है. मेरा ग्रामवासियों से अनुरोध है कि विस्थापन की राशि लेकर शीघ्र ही दूसरे गांव में बसें. (Villagers terrorized by wild elephants) (Wild elephants in Umaria district) (Pleading help to administration)

उमरिया। उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के दीदार के लिए प्रसिद्ध है और इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल, उमरिया जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क से सटे बीहड़ों में बसे ग्रामीण एक तरफ वन्यजीवों से प्रभावित हैं तो वहीं दूसरी ओर मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं.

हाथियों से आतंकित हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के ग्राम कोलुहाबाह और गढ़पुरी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस समय वो जंगली हाथियों के उत्पात से बहुत परेशान हैं. इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का कहर इन दिनों ऐसा है कि रात में कभी भी आकर घरों में तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं, जिससे ग्रामीणों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है लेकिन वह अपने घरों को फसलों को नहीं बचा पाते. ग्रामीणों की समस्या को लेकर उमरिया जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि हाथियों का दल जो छत्तीसगढ़ से आया हुआ है, वो पिछले 2 साल से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रुका हुआ है.

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गांवों का विस्थापन होगा : हाथियों का दल समय-समय पर जंगल से सटे गांव में नुकसान भी करते हैं और जो नुकसान होता है उसका निर्धारित मुआवजा भी दिया जाता है. जंगल के कोर एरिया वाले या जहां हाथियों के मूवमेंट वाले एरिया में कोई गांव बसा हुआ है तो उसे विस्थापित किया जाना है. इसके साथ ही शासन ने विस्थापन की राशि भी बढ़ाई है. मेरा ग्रामवासियों से अनुरोध है कि विस्थापन की राशि लेकर शीघ्र ही दूसरे गांव में बसें. (Villagers terrorized by wild elephants) (Wild elephants in Umaria district) (Pleading help to administration)

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