उमरिया। बिरसिंहपुर में मानवता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, पिछली सरकार में करोड़ों की लागत से दो आलीशान अस्पताल तो बन गए, पर शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते दुर्घटना या इलाज के दौरान मौत होने पर ग्रामीणों को शव लाने ले जाने के लिए नगर पालिका के कचरे वाहन का प्रयोग करना पड़ता है.
करोड़ों के अस्पताल में नहीं है शव वाहन! कचरा गाड़ी में शव ले जाने की है मजबूरी
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां लोगों को शव ले जाने के लिए कचरे के वाहन का उपयोग करना पड़ रहा है.
कंधो पर शव ले जाने को मजबूर ग्रामीण
उमरिया। बिरसिंहपुर में मानवता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, पिछली सरकार में करोड़ों की लागत से दो आलीशान अस्पताल तो बन गए, पर शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते दुर्घटना या इलाज के दौरान मौत होने पर ग्रामीणों को शव लाने ले जाने के लिए नगर पालिका के कचरे वाहन का प्रयोग करना पड़ता है.
Intro:मानवता हो रही शर्मसार,जिम्मेदार बन गए लाचार,
कचरा वाहनों से ढोया जा रहा शव
Body:मानवता हो रही शर्मसार,जिम्मेदार बन गए लाचार,
कचरा वाहनों से ढोया जा रहा शव
बिरसिंहपुर पाली--
मध्य्प्रदेश में 15 साल तक राज करने के बाद बीजेपी की सरकार बदली और कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आई तो लगा कुछ बदलाव होगा लेकिन आज भी प्रदेश में कुछ ऐसी ही पुरानी तश्वीरें अब भी नजर आ रही है जो मानवता को शर्मसार तो कर ही रही है वही कांग्रेस के "वक्त है बदलाव" के नारे को धता बताते हुए झुठला रही है।
यह है मामला
जी हां मामला उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का है जहाँ बीजेपी के सरकार रहते करोड़ो रुपये के दो आलीशान अस्पताल भवन बन गए लेकिन यहाँ लाखो रुपये के एक शव वाहन की व्यवस्था नही कराई गई जिससे कभी भी कोई घटना दुर्घटना में पीएम के लिए शवो को लाने ले जाने के लिए नगर पालिका के कचरे वाहन का प्रयोग किया जाता है। बड़ी बिडम्बना है कि प्राइवेट वाहन मालिक शव को ढोने के नाम पर मुंह मांगी रकम लेते है जो गरीब परिवार नही दे पाते जिससे लोग आज भी कंधों पर शवो को रखकर ले जाते दिखाई देते नजर आते है।
क्या कहते है जिम्मेदार
इस मामले में बीजेपी के जिला कोषाध्यक्ष सरजू प्रसाद अग्रवाल का कहना है कि वाकई समस्या गंभीर है जब म्रतक के परिजन शव को लाने ले जाने के लिए परेशान होते है तो शर्मिंदा होना पड़ता है। श्री अग्रवाल ने शासन प्रशासन से इस संबंध में जल्द शव वाहन व्यवस्था कराए जाने की मांग की है वही कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष संजीव खण्डेलवाल का कहना है कि बीते 15 सालों से बीजेपी की सरकार रही है अभी भी बीजेपी की विधायक मीना सिंह है जो ऐसे मुद्दों को लेकर संवेदनशील नही है। मैं बीते दिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में एक पत्र प्रेषित किया था आगे भी प्रयास जारी रहेंगे की जल्द पाली में शव वाहन की व्यवस्था हो। मामले में बीएमओ डॉ व्ही के जैन का कहना है कि उन्होंने पूर्व से ही शासन प्रशासन को पत्र द्वारा संबोधित कर मांग की है लेकिन अब तक शव वाहन की व्यवस्था नही हो पाई है।
युवाओं ने कलेक्टर को दिया था ज्ञापन पत्र
हम आपको बता दे कि बीते महीने नगर के युवा समाजसेवी आशु अग्रवाल शशांक जैन रामकुमार काछी ने जिले के कलेक्टर से शव वाहन उपलब्ध कराने को लेकर ज्ञापन पत्र भी दिया था लेकिन कोई सार्थक पहल अब तक नही की जा सकी है जिससे आये दिन वही पुनरावृत्ति नजर आती है।
सबसे ज्यादा पुलिस होती है परेशान
विदित होवे की जब कभी घटना दुर्घटना में शव को पीएम के लिए लाना ले जाना हो उस दौरान पुलिस प्रशासन को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। पुलिस के द्वारा कही जबरन किसी टेक्सी को पकड़ कर तो कभी नगर पालिका प्रशासन से आरजू मिन्नत कर वाहन की व्यवस्था की जाती है। अब तो यह बात भी सर्वआम हो चली है कि मानवता शर्मसार की बात आने पर नगर पालिका प्रशासन ने अपना वाहन देना भी नही देना चाहती।
आश्वासन का झुनझुना देती है विधायक
गौरतलब है कि क्षेत्र में अभी भी चौथी बार बीजेपी की मीना सिंह यहाँ की विधायक है बीजेपी की सरकार में मंत्री भी रह चुकी है जो इस मामले में बिल्कुल बेसुध नजर आती है। क्षेत्र भ्रमण व शिलान्यास भूमिपूजन आदि कार्यक्रमो के दौरान कई बार उक्त समस्या से अवगत कराते हुए उनसे समस्या हल की जब भी बात की गई उन्होंने आश्वासन का झुनझुना ही थमाया है जबकि उनके थोड़े से सहयोग से यह व्यवस्था कराई जा सकती थी लेकिन इस ओर उनका ध्यान क्यो नही जाता यह तो स्पष्ट ही नही हो रहा। बहरहाल अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि जिम्मेदार कब अपनी कुम्भकर्णी नींद से बाहर आकर पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक शव वाहन की व्यवस्था कराते है।
*इनका कहना है*
मामला आपके माध्यम से संज्ञान में आया है सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से आवश्यक चर्चा कर व्यवस्था बनवाई जाएगी।
*आर बी प्रजापति कमिश्नर शहडोल संभाग*Conclusion:
कचरा वाहनों से ढोया जा रहा शव
Body:मानवता हो रही शर्मसार,जिम्मेदार बन गए लाचार,
कचरा वाहनों से ढोया जा रहा शव
बिरसिंहपुर पाली--
मध्य्प्रदेश में 15 साल तक राज करने के बाद बीजेपी की सरकार बदली और कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आई तो लगा कुछ बदलाव होगा लेकिन आज भी प्रदेश में कुछ ऐसी ही पुरानी तश्वीरें अब भी नजर आ रही है जो मानवता को शर्मसार तो कर ही रही है वही कांग्रेस के "वक्त है बदलाव" के नारे को धता बताते हुए झुठला रही है।
यह है मामला
जी हां मामला उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का है जहाँ बीजेपी के सरकार रहते करोड़ो रुपये के दो आलीशान अस्पताल भवन बन गए लेकिन यहाँ लाखो रुपये के एक शव वाहन की व्यवस्था नही कराई गई जिससे कभी भी कोई घटना दुर्घटना में पीएम के लिए शवो को लाने ले जाने के लिए नगर पालिका के कचरे वाहन का प्रयोग किया जाता है। बड़ी बिडम्बना है कि प्राइवेट वाहन मालिक शव को ढोने के नाम पर मुंह मांगी रकम लेते है जो गरीब परिवार नही दे पाते जिससे लोग आज भी कंधों पर शवो को रखकर ले जाते दिखाई देते नजर आते है।
क्या कहते है जिम्मेदार
इस मामले में बीजेपी के जिला कोषाध्यक्ष सरजू प्रसाद अग्रवाल का कहना है कि वाकई समस्या गंभीर है जब म्रतक के परिजन शव को लाने ले जाने के लिए परेशान होते है तो शर्मिंदा होना पड़ता है। श्री अग्रवाल ने शासन प्रशासन से इस संबंध में जल्द शव वाहन व्यवस्था कराए जाने की मांग की है वही कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष संजीव खण्डेलवाल का कहना है कि बीते 15 सालों से बीजेपी की सरकार रही है अभी भी बीजेपी की विधायक मीना सिंह है जो ऐसे मुद्दों को लेकर संवेदनशील नही है। मैं बीते दिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में एक पत्र प्रेषित किया था आगे भी प्रयास जारी रहेंगे की जल्द पाली में शव वाहन की व्यवस्था हो। मामले में बीएमओ डॉ व्ही के जैन का कहना है कि उन्होंने पूर्व से ही शासन प्रशासन को पत्र द्वारा संबोधित कर मांग की है लेकिन अब तक शव वाहन की व्यवस्था नही हो पाई है।
युवाओं ने कलेक्टर को दिया था ज्ञापन पत्र
हम आपको बता दे कि बीते महीने नगर के युवा समाजसेवी आशु अग्रवाल शशांक जैन रामकुमार काछी ने जिले के कलेक्टर से शव वाहन उपलब्ध कराने को लेकर ज्ञापन पत्र भी दिया था लेकिन कोई सार्थक पहल अब तक नही की जा सकी है जिससे आये दिन वही पुनरावृत्ति नजर आती है।
सबसे ज्यादा पुलिस होती है परेशान
विदित होवे की जब कभी घटना दुर्घटना में शव को पीएम के लिए लाना ले जाना हो उस दौरान पुलिस प्रशासन को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। पुलिस के द्वारा कही जबरन किसी टेक्सी को पकड़ कर तो कभी नगर पालिका प्रशासन से आरजू मिन्नत कर वाहन की व्यवस्था की जाती है। अब तो यह बात भी सर्वआम हो चली है कि मानवता शर्मसार की बात आने पर नगर पालिका प्रशासन ने अपना वाहन देना भी नही देना चाहती।
आश्वासन का झुनझुना देती है विधायक
गौरतलब है कि क्षेत्र में अभी भी चौथी बार बीजेपी की मीना सिंह यहाँ की विधायक है बीजेपी की सरकार में मंत्री भी रह चुकी है जो इस मामले में बिल्कुल बेसुध नजर आती है। क्षेत्र भ्रमण व शिलान्यास भूमिपूजन आदि कार्यक्रमो के दौरान कई बार उक्त समस्या से अवगत कराते हुए उनसे समस्या हल की जब भी बात की गई उन्होंने आश्वासन का झुनझुना ही थमाया है जबकि उनके थोड़े से सहयोग से यह व्यवस्था कराई जा सकती थी लेकिन इस ओर उनका ध्यान क्यो नही जाता यह तो स्पष्ट ही नही हो रहा। बहरहाल अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि जिम्मेदार कब अपनी कुम्भकर्णी नींद से बाहर आकर पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक शव वाहन की व्यवस्था कराते है।
*इनका कहना है*
मामला आपके माध्यम से संज्ञान में आया है सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से आवश्यक चर्चा कर व्यवस्था बनवाई जाएगी।
*आर बी प्रजापति कमिश्नर शहडोल संभाग*Conclusion: