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ठंड के बीच पर्यटकों से गुलजार हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, कोरोना गाइडलाइन का हो रहा पालन - specialty of Bandhavgarh

कोरोना के कहर के बाद भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व देसी पर्यटकों से गुलजार है. कड़ाके की ठंड के बीच पर्यटक बांधवगढ़ नेशनल पार्क में नए साल का स्वागत करने की तैयारी में है. इस दौरान पर्यटकों से कोरोना की गाइडलाइन का भी पालन कराया जा रहा है.

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कड़ाके की ठंड में पर्यटकों से गुलजार हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
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Published : Dec 21, 2020, 4:38 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 7:10 PM IST

उमरिया। जिले में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में कड़ाके की ठंड के बीच पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है. जिससे बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पर्यटकों के आवागमन के साथ ही रौनक बढ़ गई है.

ठंड के बीच पर्यटकों से गुलजार हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

कोरोना काल के बावजूद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की लगातार बढ़ रही भीड़ के कारण यहां का कारोबार बेहतर हो गया है. इस कड़ाके की ठंड में इन दिनों पूरी जिप्सियां पार्क में जा रही हैं और कोर-बफर मिलकार पर्यटक जंगल घूम रहे हैं. जहां कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जा रहा है.

  • कोरोना काल में देशी पर्यटक ने बढ़ाई रौनक

बांधवगढ़ पार्क अपने आप मे पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है. 1161 वर्ग किमी में फैले इस पार्क को देखने के लिए विश्व भर के पर्यटकों का हुजूम यहां पहुंचता है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभी देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ान की मनाही है. ऐसे में देशी पर्यटकों ने बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को गुलजार कर रखा है.

  • कोरोना गाइडलाइन का कराया जा रहा पालन

फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. जिप्सियों को सेनेटाइज करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जा रहा है. टिकट काउंटर में भी इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि टिकट लेने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. साथ ही जिप्सी यूनियन की पहल से जिप्सी में ड्राइवर और टूरिस्ट के बीच पॉलीथिन लगाकर ड्राइवर को आइसोलेट किया गया है. ताकि ड्राइवर तक संक्रमण का खतरा न पहुंचे.

  • 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक लगेगा पर्यटकों का हुजूम

कोरोना काल में लगभग 6 माह के स्ट्रेस के बाद पर्यटक बांधवगढ़ पहुंच रहे हैं और साल के खत्म होते-होते नए साल के आगाज तक पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है. इस साल भी स्थानीय सूत्रों की मानें, तो बांधवगढ़ में नववर्ष के आगाज तक हाउसफुल रहने की संभावना है.

  • सभी गेट से पर्यटन प्रारंभ

फील्ड डायरेक्टर विसेंट रहीम ने बताया कि पर्यटकों के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सभी 6 गेटों से पर्यटन कराया जा रहा है. यहां पहुंचने वाले पर्यटक हालांकि पिछले वर्ष के मुताबिक काफी कम हैं. लेकिन दीपावली के बाद से पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, और यह पर्यटन क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों के लिए एक अच्छा संकेत है.

  • टाइगर्स के लिए मशहूर

बांधवगढ़ किले के नाम पर इस नेशनल पार्क का नाम रखा गया है. जो कभी राजा-महाराजाओं के शिकार का गढ़ हुआ करता था. ये नेशनल पार्क खासतौर से व्हाइट टाइगर्स के लिए मशहूर है. रॉयल बंगाल टाइगर्स की सबसे ज्यादा संख्या यहां देखने को मिलती है.

  • बांधवगढ़ की खासियत

32 पहाड़ियों से घिरा हुआ मध्य प्रदेश का बांधवगढ़ नेशनल पार्क 448 वर्ग किमी में फैला हुआ है. पार्क को खूबसूरत बनाने का काम करते हैं चारों तरफ लगे साल और बांस के पेड़. बांधवगढ़ को 'लैंड ऑफ टाइगर्स' भी कहा जाता है. वैसे यहां पार्क में घूमते हुए बड़ी बिल्लियां, नीलगाय और चिंकारा भी देखने को मिल जाएंगे. इस नेशनल पार्क में 37 प्रकार के स्तनधारी, 250 प्रकार के पक्षी, 80 प्रकार की तितलियां और भी कई प्रकार के दूसरे पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं. बांधवगढ़ पार्क कई प्रकार के वनस्पतियों और जंतुओं से भी भरा हुआ है.

उमरिया। जिले में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में कड़ाके की ठंड के बीच पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है. जिससे बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पर्यटकों के आवागमन के साथ ही रौनक बढ़ गई है.

ठंड के बीच पर्यटकों से गुलजार हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

कोरोना काल के बावजूद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की लगातार बढ़ रही भीड़ के कारण यहां का कारोबार बेहतर हो गया है. इस कड़ाके की ठंड में इन दिनों पूरी जिप्सियां पार्क में जा रही हैं और कोर-बफर मिलकार पर्यटक जंगल घूम रहे हैं. जहां कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जा रहा है.

  • कोरोना काल में देशी पर्यटक ने बढ़ाई रौनक

बांधवगढ़ पार्क अपने आप मे पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है. 1161 वर्ग किमी में फैले इस पार्क को देखने के लिए विश्व भर के पर्यटकों का हुजूम यहां पहुंचता है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभी देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ान की मनाही है. ऐसे में देशी पर्यटकों ने बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को गुलजार कर रखा है.

  • कोरोना गाइडलाइन का कराया जा रहा पालन

फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. जिप्सियों को सेनेटाइज करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जा रहा है. टिकट काउंटर में भी इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि टिकट लेने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. साथ ही जिप्सी यूनियन की पहल से जिप्सी में ड्राइवर और टूरिस्ट के बीच पॉलीथिन लगाकर ड्राइवर को आइसोलेट किया गया है. ताकि ड्राइवर तक संक्रमण का खतरा न पहुंचे.

  • 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक लगेगा पर्यटकों का हुजूम

कोरोना काल में लगभग 6 माह के स्ट्रेस के बाद पर्यटक बांधवगढ़ पहुंच रहे हैं और साल के खत्म होते-होते नए साल के आगाज तक पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है. इस साल भी स्थानीय सूत्रों की मानें, तो बांधवगढ़ में नववर्ष के आगाज तक हाउसफुल रहने की संभावना है.

  • सभी गेट से पर्यटन प्रारंभ

फील्ड डायरेक्टर विसेंट रहीम ने बताया कि पर्यटकों के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सभी 6 गेटों से पर्यटन कराया जा रहा है. यहां पहुंचने वाले पर्यटक हालांकि पिछले वर्ष के मुताबिक काफी कम हैं. लेकिन दीपावली के बाद से पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, और यह पर्यटन क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों के लिए एक अच्छा संकेत है.

  • टाइगर्स के लिए मशहूर

बांधवगढ़ किले के नाम पर इस नेशनल पार्क का नाम रखा गया है. जो कभी राजा-महाराजाओं के शिकार का गढ़ हुआ करता था. ये नेशनल पार्क खासतौर से व्हाइट टाइगर्स के लिए मशहूर है. रॉयल बंगाल टाइगर्स की सबसे ज्यादा संख्या यहां देखने को मिलती है.

  • बांधवगढ़ की खासियत

32 पहाड़ियों से घिरा हुआ मध्य प्रदेश का बांधवगढ़ नेशनल पार्क 448 वर्ग किमी में फैला हुआ है. पार्क को खूबसूरत बनाने का काम करते हैं चारों तरफ लगे साल और बांस के पेड़. बांधवगढ़ को 'लैंड ऑफ टाइगर्स' भी कहा जाता है. वैसे यहां पार्क में घूमते हुए बड़ी बिल्लियां, नीलगाय और चिंकारा भी देखने को मिल जाएंगे. इस नेशनल पार्क में 37 प्रकार के स्तनधारी, 250 प्रकार के पक्षी, 80 प्रकार की तितलियां और भी कई प्रकार के दूसरे पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं. बांधवगढ़ पार्क कई प्रकार के वनस्पतियों और जंतुओं से भी भरा हुआ है.

Last Updated : Dec 21, 2020, 7:10 PM IST
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