उमरिया। मध्यप्रदेश का उमरिया जिला क्षेत्रफल और जनसंख्या में छोटा होने के बाद भी बांधवगढ़ जैसे टाइगर रिजर्व के कारण देश ही नहीं पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है, लेकिन शायद आपको यकीन नहीं होगा कि पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को जिले के कई गांव तरस रहे हैं. आज हम बात कर रहे हैं करकेली जनपद की पंचायत कल्दा के अग्गासी टोला की, जहां मेन रोड से 3 किलोमीटर अंदर बसे लोग आज भी पक्की सड़क के अभाव में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं.
मौके पर अधिकारी यहां पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेकर पहुंचते हैं. अग्गासी टोला के निवासी गजरूप सिंह ने बताया कि मेरी उम्र 76 वर्ष हो चुकी है लेकिन आज भी यह रोड नहीं बन पाई है. चुनावी समय में नेताओं से सिर्फ हमें आश्वासन ही मिलता है, जब कोई बीमार होता है तो हम उसे चारपाई पर उठाकर 3 किलोमीटर पक्की सड़क तक ले जाते हैं, इलाज के अभाव में तो कई लोगों की जान भी चली गई है.
70 साल की राम बाई ने ने बताया कि आज तक अग्गासी से कल्दा को जोड़ने वाली रोड नहीं बन पाई है. सचिव और सरपंच सिर्फ वादें करते हैं, जो सरकार से पैसा आता है उसका अता पता नहीं चलता. उन्होंने अबकी बार के चुनावों में मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है.
कक्षा 12वीं के छात्र केशव नायक ने बताया कि स्कूल आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. परीक्षा के दिनों में एक दिन पहले ही गांव के बाहर शरण लेनी पड़ती है, तब जाकर परीक्षा देने समय से पहुंच पाते हैं.
सरकार के विकास के दावे अग्गासी टोका जैसी जगहों पर आकर दम तोड़ते नजर आते हैं. फिलहाल गजरूप और राम बाई अपने जीवन के अब अंतिम पड़ाव में हैं उनका सपना है कि जीवन के अंतिम दौर में ही सही गांव में पक्की सड़क बने.