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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन शिविर का आयोजन, महिलाओं को वित्तीय प्रबंधन के महत्व की दी गई जानकारी - ग्रामीण बैंक

उमरिया में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्व-सहायता समूहों के लिए नकद, साख-सीमा एवं वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं को स्वरोजगार में वित्तीय प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी गई.

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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने शिविर का किया आयोजन
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Published : Jan 16, 2020, 9:37 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 10:42 PM IST

उमरिया। जिला पंचायत सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्व-सहायता समूहों के लिए नकद साख-सीमा एवं वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें समूह की महिलाओं को स्वरोजगार में वित्तीय प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी गई. साथ ही बैंक के प्रतिनिधियों ने समूहों को वृद्धि करने के उपाय भी बताए. साथ ही 221 स्व-सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक एवं सेंट्रल बैंक ने 4.65 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया है, जिसको लेकर समूह की महिलाओं में खासा उत्साह है.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने शिविर का किया आयोजन

राष्ट्रीय आजीविका मिशन जिले में एक साल में 32 हजार महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है, इस उपलब्धि पर जिले के जनप्रतिनिधियों ने बधाई दी है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर तो बना ही रहा है, इसके अलावा बैंकों से मिल रही वित्तीय मदद उनके रोजगार को सफल बनाने में कारगर साबित हो रही है.

इस आयोजन में लीड बैंक मैनेजर, एसबीआई, सेंट्रल बैंक, ग्रामीण बैंक के प्रतिनिधियों के अलावा स्व-सहायता समूह संचालक, कलेक्टर एवं मिशन के अधिकारी मौजूद रहे, सेमिनार में जिले भर की 221 स्व-सहायता समूहों को स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए 4.65 करोड़ के चेक बांटे जाएंगे, उमरिया जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन अंतर्गत 32 हजार महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है.

उमरिया। जिला पंचायत सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्व-सहायता समूहों के लिए नकद साख-सीमा एवं वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें समूह की महिलाओं को स्वरोजगार में वित्तीय प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी गई. साथ ही बैंक के प्रतिनिधियों ने समूहों को वृद्धि करने के उपाय भी बताए. साथ ही 221 स्व-सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक एवं सेंट्रल बैंक ने 4.65 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया है, जिसको लेकर समूह की महिलाओं में खासा उत्साह है.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने शिविर का किया आयोजन

राष्ट्रीय आजीविका मिशन जिले में एक साल में 32 हजार महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है, इस उपलब्धि पर जिले के जनप्रतिनिधियों ने बधाई दी है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर तो बना ही रहा है, इसके अलावा बैंकों से मिल रही वित्तीय मदद उनके रोजगार को सफल बनाने में कारगर साबित हो रही है.

इस आयोजन में लीड बैंक मैनेजर, एसबीआई, सेंट्रल बैंक, ग्रामीण बैंक के प्रतिनिधियों के अलावा स्व-सहायता समूह संचालक, कलेक्टर एवं मिशन के अधिकारी मौजूद रहे, सेमिनार में जिले भर की 221 स्व-सहायता समूहों को स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए 4.65 करोड़ के चेक बांटे जाएंगे, उमरिया जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन अंतर्गत 32 हजार महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है.

Intro:Body:उमरिया में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का नगद साख सीमा एवं वित्तीय साक्षरता शिविर,221 स्वसहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए बांटे गए 4.65 करोड़ रुपये,
32000 महिलाओं को स्वसहायता समूह से जोड़कर बनाया गया आत्मनिर्भर।

उमरिया के जिला पंचायत सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्वसहायता समूहों के लिए नकद साख सीमा एवं वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन कर समूह की महिलाओं को स्वरोजगार में वित्तीय प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी गई इस आयोजन में बैंक के प्रतिनिधियों ने समूहों को साख सीमा में कैसे वृद्धि की जाए इसके उपाय बताए गए साथ ही 221 स्वसहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक एवं सेंट्रल बैंक द्वारा 4.65 करोड़ रुपये प्रदान किये गए इस आयोजन को लेकर समूह की महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला।

बाइट - पूनम नायक(संचालक-स्वसहायता समूह उमरिया)

राष्ट्रीय आजीविका मिशन द्वारा जिले में एक वर्ष में 32000 महिलाओं को स्वसहायता समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया गया है,मिशन की इस उपलब्धि पर जिले के जनप्रतिनिधियों ने बधाई दी है।

बाइट-ज्ञानवती सिंह(अध्यक्ष जिला पंचायत उमरिया)

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को स्वसहायता समूह से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर तो बना ही रहा है इसके अलावा बैंकों से मिल रही वित्तीय मदद उनके रोजगार को सफल बनाने में कारगर साबित हो रही है।

किया गया इस आयोजन में लीड बैंक मैनेजर,एसबीआई,सेंट्रल बैंक,ग्रामीण बैंक के प्रतिनिधियों के अलावा स्वसहायता समूह संचालक ,कलेक्टर एवं मिशन के अधिकारी मौजूद रहेंगे।सेमिनार में जिले भर के 221 स्वसहायता समूहों को स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए 4.65 करोड़ के चेक बांटे जाएंगे।उमरिया जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन अंतर्गत 32000 महिलाओं को स्वसहायता समूह से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है।। Conclusion:
Last Updated : Jan 16, 2020, 10:42 PM IST
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