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नेकी की दीवार में सामग्री की आवक कम, समाजसेवी ने जताई चिंता

उमरिया में संचालित नेकी की दीवार में दानदाताओं की उदासीनाता से समाजसेवी चिंतित हैं. इन दिनों संस्थान में जरूरतमंद तो खूब पहुंच रहे हैं, पर उनके लिये आवश्यक सामग्री नहीं मिल पा रही है. गौरतलब है कि करीब तीन वर्ष पूर्व राज्य आनंदम संस्थान के तहत जरूरत से ज्यादा छोड़ जाएं, जरूरत वाले ले जाएं की थीम पर जिला प्रशासन द्वारा नेकी की दीवार नाम की मुहिम शुरू की गई थी.

Lack of donations in Neki  ki diwar in Umaria
नेकी की दीवार
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Published : Jan 2, 2021, 2:16 AM IST

उमरिया: जिला मुख्यालय में संचालित नेकी की दीवार में दानदाताओं की उदासीनाता से समाजसेवी चिंतित हैं. इन दिनों संस्थान में जरूरतमंद तो खूब पहुंच रहे हैं, पर उनके लिये आवश्यक सामग्री नहीं मिल पा रही है. गौरतलब है कि करीब तीन वर्ष पूर्व राज्य आनंदम संस्थान के तहत जरूरत से ज्यादा छोड़ जाएं, जरूरत वाले ले जाएं की थीम पर जिला प्रशासन द्वारा नेकी की दीवार नाम की मुहिम शुरू की गई थी.

अब तक 35 हजार कपड़ों का हुआ दान

इसका उद्देश्य संपन्न लोगों से घरों में बचने वाले अनुपयोगी सामान जैसे कंबल, रजाई, स्वेटर, शाल, शर्ट, फुलपेंट आदि सामग्री को एकत्रित करना तथा उन्हे गरीबों और जरूरतमंदों को निशुल्क वितरित करना है. सबसे पहले यह संस्थान बस स्टैंड में खोला गया, पर वहां इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली. कुछ दिनों बाद स्टेशन रोड स्थित शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बरामदे में इसका पुन: शुभारंभ किया गया. इस बार इसे चलाने वाले भी मिले और पर्याप्त दान-दाता भी, इसी की वजह से प्रशासन की यह पहल परवान चढ़ने लगी. बताया गया है कि अब तक नेकी की दीवार में लगभग 35 हजार से ज्यादा कपड़ों का आदान प्रदान किया गया है.


मदद के लिये उठते हाथ

जरूरतमंदों को राहत दिलाने के लिये शुरू की गई नेकी की दीवार मुहिम खासा विख्यात है. इसमें अपना योगदान देने कई नामी गिरामी लोग आगे आये हैं. कलकत्ता के एक व्यापारी तो नये कपड़े खरीद कर उन्हें दान स्वरूप प्रदान करते चले आ रहे हैं.

Lack of donations in Neki  ki diwar in Umaria
नेकी की दीवार में सामग्री की आवक कम
टॉप-5 में शुमार उमरिया का संस्थान

इस पहल को सुचारू बनाने के लिये जिले के वरिष्ठ शिक्षक सुशील मिश्रा एवं बाला सिंह टेकाम को शासन द्वारा प्रशिक्षित कराया गया है. कार्यक्रम के नोडल सुशील मिश्रा ने बताया कि नेकी की दीवार प्रदेश के कई जिलों में संचालित की गई है, जिनमें उमरिया का संस्थान न केवल बेहद कारगर साबित हुआ बल्कि यह प्रदेश के टॉप-5 में शुमार हो गया है.

निशुल्क सेवा दे रहे नागरिक

शॉपिंग कॉम्पलेक्स में नेकी की दीवार की सफलता के पीछे पर्याप्त स्थान, दानदाताओं की उदारता के अलावा नागरिकों की निशुल्क सेवा भी है. ऐसे ही एक नागरिक हुकुमचंद सोनी हैं, जो बीते दो सालों से संस्थान में अपनी सेवायें दे रहे हैं. इसी सेवाभाव के कारण प्रशासन द्वारा श्री सोनी को सम्मानित भी किया गया है, इसके अलावा युवा समाजसेवी दीपक दर्दवंशी सहित कई ऐसे लोग हैं, जो इस महान कार्य को अनवतर रखने में अपना योगदान दे रहे हैं.


सामान का दान करें नागरिक

सामग्री की आवक कम होते ही समाजसेवी हुकुमचंद सोनी नागरिकों से मदद मांगने निकल पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि ठंड के सीजन मे कपड़ों की मांग बढ़ जाती है, वहीं आवक घटने लगती है. उन्होंने जिले के सभी संपन्न नागरिकों एवं प्रबुद्धजनों से अपने घरों में रखी अनुपयोगी सामग्री का दान करने की अपील की है, जिससे गरीबों को ठंड से राहत दिलाई जा सके.

उमरिया: जिला मुख्यालय में संचालित नेकी की दीवार में दानदाताओं की उदासीनाता से समाजसेवी चिंतित हैं. इन दिनों संस्थान में जरूरतमंद तो खूब पहुंच रहे हैं, पर उनके लिये आवश्यक सामग्री नहीं मिल पा रही है. गौरतलब है कि करीब तीन वर्ष पूर्व राज्य आनंदम संस्थान के तहत जरूरत से ज्यादा छोड़ जाएं, जरूरत वाले ले जाएं की थीम पर जिला प्रशासन द्वारा नेकी की दीवार नाम की मुहिम शुरू की गई थी.

अब तक 35 हजार कपड़ों का हुआ दान

इसका उद्देश्य संपन्न लोगों से घरों में बचने वाले अनुपयोगी सामान जैसे कंबल, रजाई, स्वेटर, शाल, शर्ट, फुलपेंट आदि सामग्री को एकत्रित करना तथा उन्हे गरीबों और जरूरतमंदों को निशुल्क वितरित करना है. सबसे पहले यह संस्थान बस स्टैंड में खोला गया, पर वहां इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली. कुछ दिनों बाद स्टेशन रोड स्थित शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बरामदे में इसका पुन: शुभारंभ किया गया. इस बार इसे चलाने वाले भी मिले और पर्याप्त दान-दाता भी, इसी की वजह से प्रशासन की यह पहल परवान चढ़ने लगी. बताया गया है कि अब तक नेकी की दीवार में लगभग 35 हजार से ज्यादा कपड़ों का आदान प्रदान किया गया है.


मदद के लिये उठते हाथ

जरूरतमंदों को राहत दिलाने के लिये शुरू की गई नेकी की दीवार मुहिम खासा विख्यात है. इसमें अपना योगदान देने कई नामी गिरामी लोग आगे आये हैं. कलकत्ता के एक व्यापारी तो नये कपड़े खरीद कर उन्हें दान स्वरूप प्रदान करते चले आ रहे हैं.

Lack of donations in Neki  ki diwar in Umaria
नेकी की दीवार में सामग्री की आवक कम
टॉप-5 में शुमार उमरिया का संस्थान

इस पहल को सुचारू बनाने के लिये जिले के वरिष्ठ शिक्षक सुशील मिश्रा एवं बाला सिंह टेकाम को शासन द्वारा प्रशिक्षित कराया गया है. कार्यक्रम के नोडल सुशील मिश्रा ने बताया कि नेकी की दीवार प्रदेश के कई जिलों में संचालित की गई है, जिनमें उमरिया का संस्थान न केवल बेहद कारगर साबित हुआ बल्कि यह प्रदेश के टॉप-5 में शुमार हो गया है.

निशुल्क सेवा दे रहे नागरिक

शॉपिंग कॉम्पलेक्स में नेकी की दीवार की सफलता के पीछे पर्याप्त स्थान, दानदाताओं की उदारता के अलावा नागरिकों की निशुल्क सेवा भी है. ऐसे ही एक नागरिक हुकुमचंद सोनी हैं, जो बीते दो सालों से संस्थान में अपनी सेवायें दे रहे हैं. इसी सेवाभाव के कारण प्रशासन द्वारा श्री सोनी को सम्मानित भी किया गया है, इसके अलावा युवा समाजसेवी दीपक दर्दवंशी सहित कई ऐसे लोग हैं, जो इस महान कार्य को अनवतर रखने में अपना योगदान दे रहे हैं.


सामान का दान करें नागरिक

सामग्री की आवक कम होते ही समाजसेवी हुकुमचंद सोनी नागरिकों से मदद मांगने निकल पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि ठंड के सीजन मे कपड़ों की मांग बढ़ जाती है, वहीं आवक घटने लगती है. उन्होंने जिले के सभी संपन्न नागरिकों एवं प्रबुद्धजनों से अपने घरों में रखी अनुपयोगी सामग्री का दान करने की अपील की है, जिससे गरीबों को ठंड से राहत दिलाई जा सके.

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