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रमेश सिंह बीजेपी उम्मीदवार बिसाहूलाल को नहीं मानते बड़ा चेहरा

शहडोल संभाग की अनुपपुर विधानसभा सीट काफी समय से सुर्खियों में है, रमेश सिंह को लेकर तरह- तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस ने प्रत्याशी बदले जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है, लेकिन रमेश सिंह ने जिस तरह से जनसंपर्क शुरू किया है उससे अटकलों का बाजार गर्म है.

Kamal Nath does not consider Ramesh Singh as a big face
रमेश सिंह को कमलनाथ ने पुनर्विचार का दिया भरोसा
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Published : Sep 17, 2020, 7:31 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 8:18 AM IST

उमरिया। भले ही तारीखों का एलान नहीं हुआ हो, लेकिन विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर अपने अपने पत्ते खोल दिए हैं, शहडोल संभाग की अनुपपुर विधानसभा सीट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है, एक ओर जहां कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल को कांग्रेसियों ने 'बिकाऊलाल' का तमगा दे दिया हैं, तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिसाहूलाल को मनमुताबिक कैबिनेट मंत्री बनाकर, मैदान में अपना उम्मीदवार बनाकर उतार दिया है.

रमेश सिंह का बयान

कांग्रेस ने अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए विश्वनाथ सिंह कुंजाम को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया हैं, लेकिन संयुक्त कलेक्टर रहे रमेश सिंह का राज्य प्रसाशनिक सेवा से इस्तीफा देना और पीसीसी चीफ कमलनाथ से मिलना अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव मे भरी उलटफेर कर सकता है. भोपाल से लौटने के दौरान उमरिया की सीमा लगते ही, जगह- जगह पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का रमेश सिंह को हाथों- हाथ लेना और स्वागत करना, कहीं न कहीं अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार के बदलाव के स्पष्ट संकेत हैं.

'मध्यप्रदेश में हुई लोकतंत्र की हत्या'

अपनी सधी हुई बातों से रमेश सिंह ने बिसाहूलाल के कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, 'जनता ने विकास करने के लिए कांग्रेस को 5 साल दिए थे, लेकिन जिस तरह से कुछ विधायकों ने इस्तीफा देकर जनमत का अपमान किया हैं और लोकतंत्र की हत्या की है, इससे जनता बदलाव का मन बना चुकी है'. उम्मीदवार की घोषणा के बाद भी रमेश सिंह कांग्रेस की अनूपपुर सीट से उपचुनाव लड़ने का दावा पेश कर रहे हैं.

सर्वे रिपोर्ट मे हुई हैं हेराफेरी

रमेश सिंह ने कहा, 'विधानभा उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से हुए सर्वे में उनका नाम सबसे उपर था, जिन चार लोगों ने दावेदारी पेश की थी, वो भी नाखुश हैं और उन्होंने उनके नाम पर सहमति पत्र बनाकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ को दिया हैं. पीसीसी चीफ ने अनुपपुर विधानसभा के उम्मीदवार को लेकर पुनर्विचार करने का भरोसा दिया हैं.

बिसाहुलाल को नहीं मानते बड़ा चेहरा

वहीं जब रमेश सिंह से मीडिया ने पूछा की, आप को यदि मौका मिलता हैं तो बिसाहूलाल जैसे बड़े चेहरे के सामने कैसे मुकाबला कर पाएंगे, तो उन्होंने बड़ी ही सहजता से कहा की, राजनीति मे कोई बड़ा चेहरा नहीं होता हैं. मेरी टीम पिछले 3 माह से अनूपपुर विधानसभा का मूड भाप रही हैं और जनता भी नए चेहरे के रूप मे स्वीकार कर रही है.

उमरिया। भले ही तारीखों का एलान नहीं हुआ हो, लेकिन विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर अपने अपने पत्ते खोल दिए हैं, शहडोल संभाग की अनुपपुर विधानसभा सीट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है, एक ओर जहां कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल को कांग्रेसियों ने 'बिकाऊलाल' का तमगा दे दिया हैं, तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिसाहूलाल को मनमुताबिक कैबिनेट मंत्री बनाकर, मैदान में अपना उम्मीदवार बनाकर उतार दिया है.

रमेश सिंह का बयान

कांग्रेस ने अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए विश्वनाथ सिंह कुंजाम को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया हैं, लेकिन संयुक्त कलेक्टर रहे रमेश सिंह का राज्य प्रसाशनिक सेवा से इस्तीफा देना और पीसीसी चीफ कमलनाथ से मिलना अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव मे भरी उलटफेर कर सकता है. भोपाल से लौटने के दौरान उमरिया की सीमा लगते ही, जगह- जगह पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का रमेश सिंह को हाथों- हाथ लेना और स्वागत करना, कहीं न कहीं अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार के बदलाव के स्पष्ट संकेत हैं.

'मध्यप्रदेश में हुई लोकतंत्र की हत्या'

अपनी सधी हुई बातों से रमेश सिंह ने बिसाहूलाल के कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, 'जनता ने विकास करने के लिए कांग्रेस को 5 साल दिए थे, लेकिन जिस तरह से कुछ विधायकों ने इस्तीफा देकर जनमत का अपमान किया हैं और लोकतंत्र की हत्या की है, इससे जनता बदलाव का मन बना चुकी है'. उम्मीदवार की घोषणा के बाद भी रमेश सिंह कांग्रेस की अनूपपुर सीट से उपचुनाव लड़ने का दावा पेश कर रहे हैं.

सर्वे रिपोर्ट मे हुई हैं हेराफेरी

रमेश सिंह ने कहा, 'विधानभा उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से हुए सर्वे में उनका नाम सबसे उपर था, जिन चार लोगों ने दावेदारी पेश की थी, वो भी नाखुश हैं और उन्होंने उनके नाम पर सहमति पत्र बनाकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ को दिया हैं. पीसीसी चीफ ने अनुपपुर विधानसभा के उम्मीदवार को लेकर पुनर्विचार करने का भरोसा दिया हैं.

बिसाहुलाल को नहीं मानते बड़ा चेहरा

वहीं जब रमेश सिंह से मीडिया ने पूछा की, आप को यदि मौका मिलता हैं तो बिसाहूलाल जैसे बड़े चेहरे के सामने कैसे मुकाबला कर पाएंगे, तो उन्होंने बड़ी ही सहजता से कहा की, राजनीति मे कोई बड़ा चेहरा नहीं होता हैं. मेरी टीम पिछले 3 माह से अनूपपुर विधानसभा का मूड भाप रही हैं और जनता भी नए चेहरे के रूप मे स्वीकार कर रही है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 8:18 AM IST
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