उमारिया। जिले में एक मादा हाथी के बच्चे के शरीर में इन्फेक्शन होने की वजह से उसकी मौत हो गई. वही पिछले कई दिनों से वरिष्ठ चिकित्सक और फार्मर पार्क डायरेक्टर डॉ ईवी श्रीवास्तव की निगरानी में अन्य डॉक्टरों सहित बांधवगढ में पदस्थ वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. अभय सेंगर हाथी का इलाज कर रहे थे, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी 11 महीने के हाथी की मौत हो गयी है.
किया गया अंतिम संस्कार
इस हादसे के 15 घंटे के बाद भी गुरुवार की दोपहर आवश्यक कार्रवाई कर मृत हाथी का अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वन परिक्षेत्र अधिकारी और वन्य प्राणी के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद भी रहे.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौजूद कई हाथी रखते हैं, टाइगर की मूवमेंट पर नजर
बता दें की बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में गौतम,अष्टम, बाधवी, काजल, पंचाली, पूनम सहित कई नर और मादा हाथी मौजूद हैं, जो बराबर वन क्षेत्र में टाइगर की मूवमेंट पर नजर रखते हैं. वही पवन की मौत के बाद हाथियों के परिवार से एक छोटा सदस्य चला गया, जिससे बांधवगढ में मौजूद सभी बेजुबान हाथी भी शोक में दिखे. वही हाथी की औसत आयु सौ वर्ष मानी गयी है, उस लिहाज से नर हाथी पवन की इतनी जल्दी मौत को बड़ी चूक के रूप में देखा जा रहा है.सीधी टेरिटोरियल डिवीजन से साल 2018 में मादा हाथी चित्रा और काजल सहित दो अन्य नर हाथियों को लाया गया था.
अभी हाल के दिनों में हाथी शरीर के किसी आंतरिक इन्फेक्शन का शिकार हो गया था, जिसके बाद इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई, जिसके बाद वाइल्ड लाइफ वरिष्ठ चिकित्सक पहुंचे और ज़रूरी इलाज भी हुआ, लेकिन इसके बाद भी पवन की मौत हो गयी.