उज्जैन। देशभर में दिवाली पर्व की धूम है. दिवाली का त्योहार धनतेरस से लेकर भाई दूज तक मनाया जाता है. दिवाली पर्व पर 12 ज्योतिर्लिंगों से एक विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल का आगन भी सज गया है. उज्जैन में ऐसी परंपरा रही है कि कोई भी त्योहार हो चाहे होली हो या दिवाली, वह सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाया जाता है, उसके बाद ही शहरवासी उत्सव मनाते हैं. आज धनतेरस पर बाबा महाकाल के दरबार में 21 पुरोहितों द्वारा बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक दीपोत्सव की शुरूआत की. साथ ही महालक्ष्मी, गणेश जी और धन्वंतरि का पूजन अभिषेक भी किया गया.
इस बार धनतेरस को लेकर देशभर में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. लेकिन महाकाल मंदिर में इसकी शुरुआत कल रात से हुई. महाकाल मंदिर के 21 पुरोहितों द्वारा सुबह से ही मंदिर में मंत्र और पूजन पाठ शुरू कर दिया गया था. जिसके बाद आज भस्म आरती के बाद नंदीहाल में पुजारी पुरोहित समिति द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ राजाधिराज बाबा महाकाल का गणेश जी, कुबेर, लक्ष्मी जी, पार्वती और धन्वंतरी का पूजन पाठ किया गया.
महाकाल मंदिर के पुरोहित अशोक शर्मा ने बताया कि इस वर्ष केवल 21 पुरोहितों ने ही मिलकर पूजन अभिषेक किया. हर वर्ष इस अवसर पर कलेक्टर, प्रशासनिक अधिकारियों व आम जनों की मौजूदगी में पूजन अर्चन किया जाता है. लेकिन कोरोना काल के चलते एक गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजन के समय इस वर्ष आमजन के दर्शन पर प्रतिबंध किया गया. साथ ही शासकीय अधिकारियों को भी निमंत्रण नहीं दिया गया है.