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Ujjain PHD Scam: विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव की नेम प्लेट पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोती कालिख

उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में हुए PHD कांड को लेकर युवक कांग्रेस ने हंगामा किया. कार्यकर्ताओं ने आरोपी बनाए गए कुलसचिव पौराणिक की नेम प्लेट पर कालिख पोत दी. युवा कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर आरोपियों को विश्वविद्यालय से नहीं हटाया जाता तो आंदोलन तेज किया जाएगा.

Ujjain PHD Scam
कुलसचिव की नेम प्लेट पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोती कालिख
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Published : Jun 29, 2023, 8:18 AM IST

कुलसचिव की नेम प्लेट पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोती कालिख

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के 5 अधिकारियों पर लोकायुक्त द्वारा FIR दर्ज होने के बाद पीएचडी कांड का मामला और गर्मा गया है. युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खींची ने लोकायुक्त में शिकायत की थी. जिसके बाद लोकायुक्त एक्शन में आया और FIR की. लेकिन अब एक बार फिर पूर्व प्रदेश युवक कांग्रेस कार्यकर्ता विक्रम विश्वविद्यालय पहुंचे और हंगामा करते हुए राज्यपाल के नाम कुलपति को ज्ञापन सौंपा. इसमें कहा कि जितने भी अधिकारियों पर FIR हुई है, उन्हें तत्काल यहां से हटाया जाए.

जल्द गिरफ्तारी की मांग : प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन से भी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की. चेतावनी दी गई है कि कहा ऐसा नहीं करने पर एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा. बबलू खींची ने कहा कि आज श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के लिए शर्म की बात है कि PHD कांड हुआ. विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव जैसे पद पर रहने वालों ने उज्जैन का नाम कलंकित किया है. 5 अधिकारियों को लोकायुक्त ने आरोपी बनाया है और सभी आरोपी यहां विश्वविद्यालय में बैठकर काम कर रहे हैं .

पीएचडी एंट्रेस एग्जाम में धांधली : इसी के विरोध में कुलसचिव प्रशांत पौराणिक की नेम प्लेट पर कालिख पोती है. इन सभी को हटाया जाए और इनका चार्ज किसी और को दिया जाए. बता दें कि शिकायतकर्ता बबलू खींची ने पीएचडी एंट्रेस एग्जाम धांधली मामले में सबसे पहले तत्कालीन कुलपति को शिकायत की थी. कुलपति ने जांच समिति बनाई. जांच समिति ने 6 माह में रिपोर्ट पेश की. जिसमें 12 ओएमआर शीट में धांधली पकड़ी गई. कुछ लोगों द्वारा जांच समिति की रिपोर्ट के भी पन्ने फाड़कर फेंक दिए गए थे और बाद में जांच समिति ने जांच के बाद इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कोई जांच समिति नहीं बनी.

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ये हैं आरोपी : इसके बाद खींची ने 6 मई को शिकायत लोकायुक्त में की. जिसके बाद अब कुल 5 लोगों पर FIR दर्ज हुई है. बबलू खींची ने एबीवीपी व भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों पर भी निशाना साधा था और उनका नाम लेते हुए इस फर्जीवाड़े में लिप्त होने की बात कही थी. उज्जैन लोकायुक्त ने पूर्व कुलपति व भू-विज्ञान के प्रोफेसर पी.के वर्मा, कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक भौतिक शास्त्र के सहायक प्राध्यापक गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग संस्था के शिक्षक डॉ वायएस ठाकुर और गोपनीय विभाग के सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचवारे के विरुद्ध धारा 420, 468, 471, 120 B भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7b में प्रकरण दर्ज किया है.

कुलसचिव की नेम प्लेट पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोती कालिख

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के 5 अधिकारियों पर लोकायुक्त द्वारा FIR दर्ज होने के बाद पीएचडी कांड का मामला और गर्मा गया है. युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खींची ने लोकायुक्त में शिकायत की थी. जिसके बाद लोकायुक्त एक्शन में आया और FIR की. लेकिन अब एक बार फिर पूर्व प्रदेश युवक कांग्रेस कार्यकर्ता विक्रम विश्वविद्यालय पहुंचे और हंगामा करते हुए राज्यपाल के नाम कुलपति को ज्ञापन सौंपा. इसमें कहा कि जितने भी अधिकारियों पर FIR हुई है, उन्हें तत्काल यहां से हटाया जाए.

जल्द गिरफ्तारी की मांग : प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन से भी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की. चेतावनी दी गई है कि कहा ऐसा नहीं करने पर एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा. बबलू खींची ने कहा कि आज श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के लिए शर्म की बात है कि PHD कांड हुआ. विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव जैसे पद पर रहने वालों ने उज्जैन का नाम कलंकित किया है. 5 अधिकारियों को लोकायुक्त ने आरोपी बनाया है और सभी आरोपी यहां विश्वविद्यालय में बैठकर काम कर रहे हैं .

पीएचडी एंट्रेस एग्जाम में धांधली : इसी के विरोध में कुलसचिव प्रशांत पौराणिक की नेम प्लेट पर कालिख पोती है. इन सभी को हटाया जाए और इनका चार्ज किसी और को दिया जाए. बता दें कि शिकायतकर्ता बबलू खींची ने पीएचडी एंट्रेस एग्जाम धांधली मामले में सबसे पहले तत्कालीन कुलपति को शिकायत की थी. कुलपति ने जांच समिति बनाई. जांच समिति ने 6 माह में रिपोर्ट पेश की. जिसमें 12 ओएमआर शीट में धांधली पकड़ी गई. कुछ लोगों द्वारा जांच समिति की रिपोर्ट के भी पन्ने फाड़कर फेंक दिए गए थे और बाद में जांच समिति ने जांच के बाद इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कोई जांच समिति नहीं बनी.

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ये हैं आरोपी : इसके बाद खींची ने 6 मई को शिकायत लोकायुक्त में की. जिसके बाद अब कुल 5 लोगों पर FIR दर्ज हुई है. बबलू खींची ने एबीवीपी व भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों पर भी निशाना साधा था और उनका नाम लेते हुए इस फर्जीवाड़े में लिप्त होने की बात कही थी. उज्जैन लोकायुक्त ने पूर्व कुलपति व भू-विज्ञान के प्रोफेसर पी.के वर्मा, कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक भौतिक शास्त्र के सहायक प्राध्यापक गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग संस्था के शिक्षक डॉ वायएस ठाकुर और गोपनीय विभाग के सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचवारे के विरुद्ध धारा 420, 468, 471, 120 B भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7b में प्रकरण दर्ज किया है.

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