उज्जैन: शहर की दक्षिण विधानसभा से बीजेपी के सदस्य और संत अवधेश पुरी महाराज ने कुछ दिन पहले निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. बीते दिनों उन्होंने बीजेपी कार्यालय में भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर मनोज यादव के साथ प्रेस वार्ता आयोजित की. उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. वे अपनी बात से पलटते हुए नजर आए. जब उनसे सवाल किया गया तो अवधेश पुरी महाराज की कुर्सी से वोट भागते नजर आए.
क्या है पूरा मामला: उज्जैन स्वास्तिक पीठ के परमहंस संत अवधेशपुरी महाराज ने 25 अक्टूबर को निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने भाजपा पर संतों की चुनाव में उपेक्षा करने और भाजपा प्रत्याशी पर भी सिहंस्थ की जमीन, शिप्रा शुद्धिकरण और महाकाल मंदिर को लेकर आरोप लगाया था. साथ ही दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा की थी. वहीं, उन्होंने कहा था कि उनके साथ में और भी साधु संत थे. इसको लेकर इन्होंने संतों के साथ बैठक भी की और उज्जैन उत्तर से भी निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी.
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सवालों से भागते नजर आए: आज रविवार को आयोजित हुई. प्रेस कांफ्रेंस में उच्च शिक्षा मंत्री और भाजपा के प्रत्याशी डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे. इस दौरान परमहंस डॉ अवधेशपुरी ने चर्चा करते हुए कहा कि उनका चुनाव लडऩे का निर्णय पार्टी की नीति को लेकर था, जो मुद्दे उन्होंने उठाए थे, उस पर चर्चा हो चुकी है. अब वह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे बीजेपी के साथ हैं.लेकिन मीडिया ने जब तीखे सवाल किए तो अवधेश पुरी महाराज मंच छोड़ भागते नजर आए.
क्या बोले परमहंस अवदेश पुरी महाराज: उज्जैन 25 अक्टूबर को परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़के रहूंगा और बैठूंगा नहीं. इसके बाद आज जैसे ही अवधेश पुरी महाराज ने यू टर्न लिया तो मीडिया ने उनसे सवाल किया, लेकिन संत अवधेश पुरी महाराज को तत्काल प्रेस कांफ्रेस स्थल से भागते नजर आए. वही संत के द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. संत चुप्पी सजाते हुए मोहन यादव के साथ निकल गए.