उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकाल मंदिर में रविवार को शिव नवरात्री का तीसरा दिन है. भगवान शिव का घटाटोप के रूप में शृंगार किया गया. जिसमे संतरे और गुलाब से भी बाबा महाकाल श्रंगारित दिखाई दिए. दोपहर 3 बजे के लगभग बाबा का श्रंगार किया जाता है, जिनके दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते है.
घटाटोप के रूप में महाकाल ने दिए दर्शन: उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवरात्रि के पहले नवरात्रि मनाए जाने की परम्परा है. पूरे भारत वर्ष में महाकाल मंदिर में ही इस तरह की परम्परा का निर्वहन किया जाता है. जिस तरह माता की नवरात्री मनायी जाती है. उसी तरह उज्जैन में शिवरात्रि मनाने की परम्परा है. उज्जैन के महाकाल मंदिर में अभी नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है. जहां रोजाना अलग-अलग नौ दिनों तक शृंगार किया जाता है. रविवार को भी इसी परम्परा को लेकर शिव नवरात्री के तीसरे दिन महाकाल को घटाटोप के रूप में श्रंगार किया गया. जहां महाकाल भगवन की खुली हुई जटाओं के दर्शन का लाभ श्रद्धालुओं ने लिया. महाशिरात्रि के आखिरी दिन महाकाल मंदिर में बड़ा पर्व मनाया जाएगा.
हर रोज होने वाले भगवान के दर्शन रूप के बारे में जानिए:
- पहला दिन: चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया.
- दूसरा दिन: शेषनाग शृंगार हुआ.
- तीसरा दिन: घटाटोप शृंगार.
- चौथा दिन: छबीना शृंगार.
- पांचवां दिन: होल्कर शृंगार.
- छठा दिन: मनमहेश शृंगार.
- सातवां दिन: उमा महेश शृंगार.
- आठवां दिन: शिव तांडव शृंगार.
नवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे दोपहर में भस्म आरती होगी.
9 दिन मंदिर प्रांगण में होगा हरिकीर्तन: श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पर्व के दौरान हरि कीर्तन आयोजित किया जा रहा है. जिसका समय शाम 4 से 6 बजे तक 2 का घंटे है. हृकीर्तन हर रोज 9 दिन तक पंडित श्री राम कानडकर के बेटे पंडित रमेश द्वारा शिवकथा हरिकीर्तंन किया जाता रहा है.