उज्जैन। उज्जैन के महाकाल लोक में स्थित रुद्र सागर का कायाकल्प करने के लिए भोपाल की कंपनी ग्रीन लाइफ टेक्नोलॉजी से मदद ली गई. कंपनी के संजय गुप्ता ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट कर वैदिक तरीके से पानी साफ किया जाता है. इसमें सब्जी, फल, गुड़ और हिमालय की जड़ी-बूटी के मिश्रण को स्पेशल कंडीशन प्रोसेस कर बायो कल्चर नाम का लिक्विड बनाया जाता है. अमूमन इसे 1 लीटर लिक्विड में 1000 मिलीलीटर पानी मिलाया जाता है, लेकिन उज्जैन के रुद्र सागर में गंदगी अधिक होने की वजह से ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी.
सात दिन की मेहनत से पानी साफ : संजय गुप्ता बताते हैं कि 1 लीटर लिक्विड में 300 मिलीलीटर पानी का घोल की मात्रा रखकर करीब 750 लीटर solid-liquid को 45 टैंकर पानी में घोलकर रुद्रसागर में डाला गया. तब जाकर यह पानी शुद्ध हो सका है. रुद्र सागर को साफ करने के लिए करीब 2 लाख 25 हजार लीटर ऑर्गेनिक बायो कल्चर डाला गया. 1 अक्टूबर से लेकर 7 अक्टूबर तक लगातार इसकी मॉनिटरिंग की गई. इसके बाद पानी शुद्ध हो सका है. आज रुद्र सागर का पानी इतना साफ नजर आ रहा है कि किनारे पर रखे पत्थर भी साफ दिख रहे हैं.
फायर ब्रिगेड का 45 टैंकर पानी लगा : संजय गुप्ता ने बताया कि फल, सब्जी, गुड़ और हिमालय की जड़ी बूटियों से बने इस वैदिक लिक्विड को नोएडा स्थित कंपनी के ट्रीटमेंट प्लांट में तैयार कर प्लेन से मंगवाया गया. इसके बाद नगर निगम के 45 टैंकर की मदद से मात्र 5 दिन में पूरा पानी साफ स्वच्छ नजर आने लगा है. इस ट्रीटमेंट से ना सिर्फ रुका हुआ पानी, बल्कि बहता हुआ पानी भी साफ़ हो सकता है. गुप्ता का कहना है एक सप्ताह की मेहनत के बाद परिणाम मनमुताबिक दिखा.