उज्जैन। राजधानी भोपाल में करणी सेना का 22 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन चल रहा है. यहां पर प्रदेश के राजूपत समाज के लोग आंदोलन में पहुंचे है. आंदोलन की आग अब धीरे-धीरे मध्य प्रदेश के अन्य शहरों में भी फैलती जा रही है. उज्जैन के महिदपुर में विरोध कर रहे करणी सेना के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जमकर पीटा. इस दौरान कुछ कार्यकर्ता भाग गए, लेकिन जो पुलिस के हत्ते चढ़े वो पिटाई का शिकार हो गए.
पुलिसकर्मियों ने खदेड़ा: करणी सेना का आंदोलन अब तूल पकड़ता जा रहा है. जिले के महिदपुर में विरोध कर रहे करणी सेना के आंदोलनकारियों को पुलिसकर्मी खदेड़ते हुए नजर आ रहे हैं. मामले में उज्जैन एस.एस.पी सत्येंद्र कुमार शुक्ल का कहना है कि, कुछ लोग अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे. इस दौरान मार्ग में एक शौर्य यात्रा निकल रही थी. विरोध करने वालों का शौर्य यात्रा में विघ्न ना बने इसी के चलते उन्हें सिर्फ वहां से अलग किया गया है.
तानाशाही का आरोप: मामले में करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेन्द्र सिंह झाला का कहना है कि, हम भोपाल ही नहीं पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. खुद हमारे लोग बीते 5 दिनों से अनशन पर बैठे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है. हम अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाने लिखित में आश्वासन मिल जाए. शांतिपूर्ण प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा हम पर लाठीचार्ज कर तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है. हमारे लोगों को खदेड़ा गया. इसका विरोध आने वाले समय में हमारे द्वारा किया जाएगा.
करणी सेना की चेतावनी, कहा- हम वही माई के लाल 18 में किया था सत्ता परिवर्तन 2023 दूर नहीं
23 में दिखेंगे माई के लाल: करणी सेना की ओर से दावा किया जा रहा है कि, उन्हें ब्राह्मण और ओबीसी का समर्थन मिल रहा है. इस बीच नेताओं ने कहा कि, सरकार जब तक हमारी मांगे नहीं मानती उनका अनशन जारी रहेगा. इतने में भी अगर सरकार नहीं सुनेगी तो हम 2018 की तरह 2023 में भी वहीं हाल कर देंगे.