उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में नए-नए विवाद आए दिन सामने आते हैं. कुछ दिन पहले ही पीएचडी कांड को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने कुलसचिव सहित कर्मचारियों के बयान लिए थे और पीएचडी की नोट चैट में छेड़छाड़ के आरोप में 5 लोगों के खिलाफ एफआई आर दर्ज की गई थी. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन 30 जून को आयोजित कार्यपरिषद की बैठक में इंजीनियरिंग में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा का भी मुद्दा रखा गया.
पीएचडी कांड के बाद दूसरा विवाद : विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इंजीनियरिंग में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा निरस्त कर दी है. बता दें कि एनएसयूआई के नेता बबलू खींची द्वारा पीएचडी घोटाले को लेकर शिकायत की गई थी. शिकायत में कहा गया था कि फेल छात्रों को पास कराया गया है और 5 लोगों को फेल कराया गया है. इसमें बड़ा घोटाला हुआ है. इस मामले को लेकर लोकायुक्त ने जांच की. कुलसचिव से लेकर तमाम 5 लोगों की बयान लिए गए. इसके बाद यह मुद्दा लगातार गर्माता आ रहा.
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विधिक राय लेने का बाद निर्णय : इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा को लेकर निर्णय करने के लिए 30 जून को कार्यपरिषद की बैठक में मुद्दा रखा. सदस्यों ने इस मामले में अधिकारियों को विधिक राय लेकर कार्रवाई करने का निर्णय किया था. अब बताया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 6 मार्च 2022 की समस्त अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) विषयों की पीएचडी प्रवेश निरस्त की जाती है. इंजीनियरिंग के अंतर्गत पांच विषय जिसमें इलेक्ट्रॉनिक, कैमिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्प्युटर सांईस विषय के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी.