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महाकाल को चढ़ा दी हरियाली की बलि! विस्तारीकरण के नाम पर काटे गए पेड़, अनजान बना मंदिर प्रशासन - mp latest news

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण के नाम पर परिसर में 5 पेड़ों को काटा गया है. बड़ी बात ये है कि मंदिर प्रशासन इसपर मौन है. सालों पुराने हरे-भरे पेड़ों को काटे जाने की जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के पास भी नहीं. (Trees cut in Mahakal temple)

Trees cut in Mahakal temple
महाकाल मंदिर में काटे गये पेड़
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Published : Feb 6, 2022, 8:02 PM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण कार्य में मंदिर परिसर में मौजूद सालों पुराने हरे भरे पेड़ों को काटकर उनकी बलि ले ली गयी. मंदिर परिसर में स्थित करीब पांच हरे पेड़ प्रशासन ने काट दिए गए. जिसमें एक नीम के बड़े वृक्ष पर हजारों पंछियों का निवास हुआ करता था. ऐसे में अब सवाल उठ रहे है कि विकास के नाम पर हरे भरे वृक्षों का विनाश क्यों किया जा रहा है.

Trees cut in Mahakal temple
महाकाल मंदिर में काटे गये पेड़

विस्तारीकरण के नाम पर काट डाले पेड़ (Trees cut in name of development)
उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण को लेकर मंदिर परिसर में स्थित हरे-भरे पेड़ों पर आरी चला दी गई. पांच पेड़ों की बलि किस के कहने पर ली गयी ये बताने वाला और इसकी जिम्मेदारी लेने वाले मौन हैं. जबकि मंदिर परिसर में वर्षों से मौजूद इन हरे वृक्षों में नीम सहित अन्य प्रजाति के पेड़ थे. बड़े पेड़ के कटने से पक्षियों की चहचहाहट गायब होने लगी है. जिन वृक्षों काटा गया वे निर्गम द्वार के पास देवास वाले धर्मशाला के करीब थे.

Trees cut in Mahakal temple
महाकाल मंदिर में काटे गये पेड़

मंदिर प्रबंधन को जानकारी नहीं!
घटना को लेकर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ का कहना है कि पेड़ काटने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. महाकाल मंदिर में कोई भी ऐसा कार्य बिना मंदिर समिति के जानकारी के नहीं होता है. ऐसे में मंदिर समिति प्रशासन का जानकारी होने से इनकार करना अपने आप में एक बड़ा सवाल है. बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है तो पहले से ही इंजीनियर द्वारा बता दिया जाता है कि कहां का पेड़ काटा जाएगा, कहां क्या विकास किया जाएगा. इन सब विषयों पर चर्चा की जाती है, इसके बाद ही आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है.

कुछ इस तरह होगी नर्मदा जन्मोत्सव की शुरुआत, जोरों पर हैं तैयारियां

क्या होगी कार्रवाई?बता दें कि बीते सप्ताह इंदौर रोड स्थित जेके नर्सिंग होम के संचालक डॉ दंपत्ति कात्यान मिश्र और जया मिश्र पर अपने अस्पताल का पेड़ कटवाने को लेकर माधव नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी थी. लेकिन अब देखना होगा कि महाकाल मंदिर में एक साथ पांच वृक्ष काटने को लेकर क्या कार्रवाई होती है. गौरतलब है कि नीम सहित अन्य प्रजाति के पेड़ों से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है. इसके बावजूद भी वृक्षों की कटाई की गयी.

(Trees cut in Mahakal temple)

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण कार्य में मंदिर परिसर में मौजूद सालों पुराने हरे भरे पेड़ों को काटकर उनकी बलि ले ली गयी. मंदिर परिसर में स्थित करीब पांच हरे पेड़ प्रशासन ने काट दिए गए. जिसमें एक नीम के बड़े वृक्ष पर हजारों पंछियों का निवास हुआ करता था. ऐसे में अब सवाल उठ रहे है कि विकास के नाम पर हरे भरे वृक्षों का विनाश क्यों किया जा रहा है.

Trees cut in Mahakal temple
महाकाल मंदिर में काटे गये पेड़

विस्तारीकरण के नाम पर काट डाले पेड़ (Trees cut in name of development)
उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण को लेकर मंदिर परिसर में स्थित हरे-भरे पेड़ों पर आरी चला दी गई. पांच पेड़ों की बलि किस के कहने पर ली गयी ये बताने वाला और इसकी जिम्मेदारी लेने वाले मौन हैं. जबकि मंदिर परिसर में वर्षों से मौजूद इन हरे वृक्षों में नीम सहित अन्य प्रजाति के पेड़ थे. बड़े पेड़ के कटने से पक्षियों की चहचहाहट गायब होने लगी है. जिन वृक्षों काटा गया वे निर्गम द्वार के पास देवास वाले धर्मशाला के करीब थे.

Trees cut in Mahakal temple
महाकाल मंदिर में काटे गये पेड़

मंदिर प्रबंधन को जानकारी नहीं!
घटना को लेकर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ का कहना है कि पेड़ काटने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. महाकाल मंदिर में कोई भी ऐसा कार्य बिना मंदिर समिति के जानकारी के नहीं होता है. ऐसे में मंदिर समिति प्रशासन का जानकारी होने से इनकार करना अपने आप में एक बड़ा सवाल है. बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है तो पहले से ही इंजीनियर द्वारा बता दिया जाता है कि कहां का पेड़ काटा जाएगा, कहां क्या विकास किया जाएगा. इन सब विषयों पर चर्चा की जाती है, इसके बाद ही आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है.

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क्या होगी कार्रवाई?बता दें कि बीते सप्ताह इंदौर रोड स्थित जेके नर्सिंग होम के संचालक डॉ दंपत्ति कात्यान मिश्र और जया मिश्र पर अपने अस्पताल का पेड़ कटवाने को लेकर माधव नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी थी. लेकिन अब देखना होगा कि महाकाल मंदिर में एक साथ पांच वृक्ष काटने को लेकर क्या कार्रवाई होती है. गौरतलब है कि नीम सहित अन्य प्रजाति के पेड़ों से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है. इसके बावजूद भी वृक्षों की कटाई की गयी.

(Trees cut in Mahakal temple)

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