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Mahakal Sawari Ujjain: रविवार से शुरू हो रहा है सावन का महीना, इन बातों का रखें ध्यान

इस बार सावन का महीना रविवार यानी 25 जुलाई शुरू हो रहा है. दरअसल इस महीने में की गई भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व होता है. ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन भी भोले के भक्तों के स्वागत के लिए तैयार हो चुकी है. आइए जानतें हैं क्या तैयारियां हैं महाकाल की नगरी में....

Mahakal Sawari
महाकाल मंदिर
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Published : Jul 24, 2021, 7:02 AM IST

उज्जैन। रविवार से सावन का पवित्र महिना शुरू होने जा रहा है. ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन भी भोले के भक्तों से जगमगाने लगी है. विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से शामिल इस नगरी में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की संख्या श्रावण माह में कई गुना अधिक हो जाती है. हालांकि, कोरोना काल में जिला प्रशासन ने गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए श्रावण माह में निकलने वाली सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि
इसके अलावा सवारी मार्ग को भी छोटा कर विगत वर्ष की तरह मार्ग तय कर दिया है, मंदिर में श्रद्धालु सोमवार के रोज सुबह 6 से 11 बजे तक ही दर्शन कर पाएंगे. हर रोज 7 स्लॉट में 3500 श्रद्धलुओं की संख्या बड़ा कर 5000 कर दिया गया है, जिसमे 251 की रसीद कटवाकर दर्शन करने वाले अलग हैं, मंदिर में प्रवेश से पहले वैक्सीन सर्टिफिकेट और 48 घंटे के अंदर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है.

कब निकलेगी पहली सवारी
कलेक्टर और मंदिर समिति अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि, महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की पहली सवारी की तिथि तय कर दी गई है. 26 जुलाई सोमवार को मंदिर के मुख्य द्वार से शाम 4 बजे सवारी रवाना होगी.

प्रशासन ने की ये व्यवस्था
बता दें कि महाकाल की सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से हरसिद्धी मंदिर के पास से रामघाट पहुंचेगी, वापसी में हरसिद्धी की पाल, हरसिद्धी मंदिर के सामने से बड़ा गणेश के सामने से होकर मंदिर में पहुंचेगी. इस दौरान बड़ा गणेश मंदिर के सामने से ही ऑनलाइन अनुमति लेने वाले और 251 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थियों की लाईन भी रहती है. इस आधार पर प्रशासन ने प्रति सोमवार को सवारी निकलने के कारण दोपहर 11 बजे बाद से दर्शन व्यवस्था बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं, रोजाना 3500 की जगह अब 5000 श्रद्धालु प्री बुकिंग के माध्यम से महाकाल मंदिर में दर्शन कर पाएंगे.

अव्यवस्था से बचने के लिए क्या करें?
बता दें कि कोरोना काल में अगर आप अव्यवस्था से बचना चाहते हैं, तो मंदिर आने से पहले ऑनलाइन बुकिंग करा लें. सोमवार का दिन छोड़ दें, क्योंकि इस दिन सिर्फ सुबह 11 बजे तक ही दर्शन हो सकेंगे. भीड़ से बचने के लिए दर्शन स्लॉट के समयानुसार ही मंदिर पहुंचे. मंदिर में दर्शन के लिए आने पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है.


वैक्सीन सर्टिफिकेट अनिवार्य
दरअसल, जो बात आपको विशेष तौर पर ध्यान देनी है वो है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट या 48 घण्टे के अंदर की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लेकर ही पहुचें. अन्यथा कि स्थिति में आपरो मंदिर पहुंचे के बाद बिना दर्शन ही लौटना पड़ेगा. प्री बुकिंग नहीं करवा पाने गेट नंबर 4 प्रवेश द्वार से 251 की रसीद के माध्यम से दर्शन करें.

22 अगस्त तक रहेगा सावन महिना
दरअसल, श्रावण का महीना 25 जुलाई यानी कल से आरंभ होकर 22 अगस्त तक रहेगा. श्रावण के महीने में इस बार कुल 4 सोमवार पड़ेंगे और भादों के 3 सोमवार जोकि 22 अगस्त के बाद आएंगे, इस वर्ष बाबा महाकाल की कुल सात सवारी लाव-लश्कर के साथ निकलेंगी.

ये भी जान लें
दरअसल, पहली सवारी सावन के पहलाे सोमवार यानी 26 जुलाई को निकलेगी, जबकि दूसरी सवारी सावन का दूसरा सोमवार यानी 2 अगस्त को निकलेगी. इसी तरह तीसरी सवारी 9 अगस्त, चौथी सवारी 16 अगस्त को निकलेगी. बता दें कि सावन माह 22 अगस्त को खत्म होगा. पांचवी और छठी सवारी 23 अगस्त और 30 अगस्त को सोमवार को भादौ माह में निकलेंगी. महाकाल की अंतिम और शाही सवारी 6 सितंबर को निकलेगी.

उज्जैन। रविवार से सावन का पवित्र महिना शुरू होने जा रहा है. ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन भी भोले के भक्तों से जगमगाने लगी है. विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से शामिल इस नगरी में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की संख्या श्रावण माह में कई गुना अधिक हो जाती है. हालांकि, कोरोना काल में जिला प्रशासन ने गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए श्रावण माह में निकलने वाली सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि
इसके अलावा सवारी मार्ग को भी छोटा कर विगत वर्ष की तरह मार्ग तय कर दिया है, मंदिर में श्रद्धालु सोमवार के रोज सुबह 6 से 11 बजे तक ही दर्शन कर पाएंगे. हर रोज 7 स्लॉट में 3500 श्रद्धलुओं की संख्या बड़ा कर 5000 कर दिया गया है, जिसमे 251 की रसीद कटवाकर दर्शन करने वाले अलग हैं, मंदिर में प्रवेश से पहले वैक्सीन सर्टिफिकेट और 48 घंटे के अंदर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है.

कब निकलेगी पहली सवारी
कलेक्टर और मंदिर समिति अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि, महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की पहली सवारी की तिथि तय कर दी गई है. 26 जुलाई सोमवार को मंदिर के मुख्य द्वार से शाम 4 बजे सवारी रवाना होगी.

प्रशासन ने की ये व्यवस्था
बता दें कि महाकाल की सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से हरसिद्धी मंदिर के पास से रामघाट पहुंचेगी, वापसी में हरसिद्धी की पाल, हरसिद्धी मंदिर के सामने से बड़ा गणेश के सामने से होकर मंदिर में पहुंचेगी. इस दौरान बड़ा गणेश मंदिर के सामने से ही ऑनलाइन अनुमति लेने वाले और 251 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थियों की लाईन भी रहती है. इस आधार पर प्रशासन ने प्रति सोमवार को सवारी निकलने के कारण दोपहर 11 बजे बाद से दर्शन व्यवस्था बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं, रोजाना 3500 की जगह अब 5000 श्रद्धालु प्री बुकिंग के माध्यम से महाकाल मंदिर में दर्शन कर पाएंगे.

अव्यवस्था से बचने के लिए क्या करें?
बता दें कि कोरोना काल में अगर आप अव्यवस्था से बचना चाहते हैं, तो मंदिर आने से पहले ऑनलाइन बुकिंग करा लें. सोमवार का दिन छोड़ दें, क्योंकि इस दिन सिर्फ सुबह 11 बजे तक ही दर्शन हो सकेंगे. भीड़ से बचने के लिए दर्शन स्लॉट के समयानुसार ही मंदिर पहुंचे. मंदिर में दर्शन के लिए आने पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है.


वैक्सीन सर्टिफिकेट अनिवार्य
दरअसल, जो बात आपको विशेष तौर पर ध्यान देनी है वो है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट या 48 घण्टे के अंदर की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लेकर ही पहुचें. अन्यथा कि स्थिति में आपरो मंदिर पहुंचे के बाद बिना दर्शन ही लौटना पड़ेगा. प्री बुकिंग नहीं करवा पाने गेट नंबर 4 प्रवेश द्वार से 251 की रसीद के माध्यम से दर्शन करें.

22 अगस्त तक रहेगा सावन महिना
दरअसल, श्रावण का महीना 25 जुलाई यानी कल से आरंभ होकर 22 अगस्त तक रहेगा. श्रावण के महीने में इस बार कुल 4 सोमवार पड़ेंगे और भादों के 3 सोमवार जोकि 22 अगस्त के बाद आएंगे, इस वर्ष बाबा महाकाल की कुल सात सवारी लाव-लश्कर के साथ निकलेंगी.

ये भी जान लें
दरअसल, पहली सवारी सावन के पहलाे सोमवार यानी 26 जुलाई को निकलेगी, जबकि दूसरी सवारी सावन का दूसरा सोमवार यानी 2 अगस्त को निकलेगी. इसी तरह तीसरी सवारी 9 अगस्त, चौथी सवारी 16 अगस्त को निकलेगी. बता दें कि सावन माह 22 अगस्त को खत्म होगा. पांचवी और छठी सवारी 23 अगस्त और 30 अगस्त को सोमवार को भादौ माह में निकलेंगी. महाकाल की अंतिम और शाही सवारी 6 सितंबर को निकलेगी.

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