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somvati amavasya 2023: उज्जैन में भक्ति भाव से मनाई गई सोमवती अमावस्या, शिप्रा के घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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Published : Feb 20, 2023, 12:45 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 1:46 PM IST

सोमवार को सोमवती अमावस्या का पर्व देश भर में पूरे श्रद्धाभाव से मनाया गया. भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में भी इसकी धूम देखी गई. यहां श्रद्धालुओं ने सोमेश्वर और वट वृक्ष की आराधना कर परिवार के कल्याण की कामना की.

ujjain somvati amavasya
उज्जैन सोमवती अमावस्या
उज्जैन सोमवती अमावस्या

उज्जैन। महाशिवरात्रि के बाद सोमवती अमावस्या का पर्व भी उज्जैन में पूरे भक्ति भाव से मनाया गया. क्षिप्रा के घाटों पर पुण्य स्नान के लिए मध्यप्रदेश ही नहीं देश भर से लोग पहुंचे. महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर अपने परिवार की कुशलता का आशीर्वाद मांगा. वहीं, सोमेश्वर महादेव के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए व्यवस्थाओं की चौकस निगरानी रखी.

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पितरों की शांति के लिए तर्पण कराया : सोमवती अमावस्या के मौके पर क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाने पहुंचे लोगों से रामघाट और सोम कुंड पूरा दिन भरे रहे. सोमवार तड़के से ही यहां श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था, जो देर शाम तक चलता रहा. पौराणिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन शिप्रा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. आज के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण कराया जाता है. सफेद वस्तुओं जैसे कच्चा दूध, आटा, साबूदाना, शक्कर का दान करने से सोम तीर्थ पर पूजन अभिषेक करने का पल मिलता है. उज्जैन के सोमेश्वर महादेव मंदिर में भी अमावस्या के विशेष अनुष्ठान किए गए. फूल-माला और प्रसाद की दुकानों पर भीड़ लगी रही. दर्शन करने आए लोग पुरोहितों से पूजन कराते दिखे.

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दीप, वस्त्र और सफेद वस्तुओं का दान किया : पंडित महेंद्र जोशी ने बताया कि सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की इस अमावस्या का पुराणों में धार्मिक महत्व है. इस दिन पितरों की शांति के लिए दान करने से अमोघ फल मिलता है. अपने-अपने पितरों को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति दिलाने दीप, वस्त्र और सफेद वस्तुओं का दान किया जाता है. सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना से व्रत रखती हैं. नदी-सरोवरों में स्नान कर वट-वृक्ष की पूजा कर वे भगवान विष्णु से आशीर्वाद मांगती हैं.

सीहोर में उमड़े श्रद्धालु : सीहोर में भी सोमवती अमावस्या पूरे भक्तिभाव से मनाई गई. जिले में नर्मदा नदी के अधिकांश तटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. तड़के 4 बजे से नर्मदा में स्नान के लिए आंवली घाट, नीलकंठ घाट और बुधनी घाट पर जमावड़ा लगा रहा. श्रद्धालुओं का कहना है कि सोमवती अमावस्या पर स्नान करने से पापों का समूल नाश हो जाता है. इस पर्व पर दान करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

उज्जैन सोमवती अमावस्या

उज्जैन। महाशिवरात्रि के बाद सोमवती अमावस्या का पर्व भी उज्जैन में पूरे भक्ति भाव से मनाया गया. क्षिप्रा के घाटों पर पुण्य स्नान के लिए मध्यप्रदेश ही नहीं देश भर से लोग पहुंचे. महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर अपने परिवार की कुशलता का आशीर्वाद मांगा. वहीं, सोमेश्वर महादेव के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए व्यवस्थाओं की चौकस निगरानी रखी.

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पितरों की शांति के लिए तर्पण कराया : सोमवती अमावस्या के मौके पर क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाने पहुंचे लोगों से रामघाट और सोम कुंड पूरा दिन भरे रहे. सोमवार तड़के से ही यहां श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था, जो देर शाम तक चलता रहा. पौराणिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन शिप्रा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. आज के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण कराया जाता है. सफेद वस्तुओं जैसे कच्चा दूध, आटा, साबूदाना, शक्कर का दान करने से सोम तीर्थ पर पूजन अभिषेक करने का पल मिलता है. उज्जैन के सोमेश्वर महादेव मंदिर में भी अमावस्या के विशेष अनुष्ठान किए गए. फूल-माला और प्रसाद की दुकानों पर भीड़ लगी रही. दर्शन करने आए लोग पुरोहितों से पूजन कराते दिखे.

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दीप, वस्त्र और सफेद वस्तुओं का दान किया : पंडित महेंद्र जोशी ने बताया कि सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की इस अमावस्या का पुराणों में धार्मिक महत्व है. इस दिन पितरों की शांति के लिए दान करने से अमोघ फल मिलता है. अपने-अपने पितरों को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति दिलाने दीप, वस्त्र और सफेद वस्तुओं का दान किया जाता है. सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना से व्रत रखती हैं. नदी-सरोवरों में स्नान कर वट-वृक्ष की पूजा कर वे भगवान विष्णु से आशीर्वाद मांगती हैं.

सीहोर में उमड़े श्रद्धालु : सीहोर में भी सोमवती अमावस्या पूरे भक्तिभाव से मनाई गई. जिले में नर्मदा नदी के अधिकांश तटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. तड़के 4 बजे से नर्मदा में स्नान के लिए आंवली घाट, नीलकंठ घाट और बुधनी घाट पर जमावड़ा लगा रहा. श्रद्धालुओं का कहना है कि सोमवती अमावस्या पर स्नान करने से पापों का समूल नाश हो जाता है. इस पर्व पर दान करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

Last Updated : Feb 20, 2023, 1:46 PM IST
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