उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग राजाधिराज बाबा महाकाल के मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत 9 दिन पूर्व से ही हो गई है. जिसे शिव नवरात्रि के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. शिव नवरात्रि के पांचवे दिन बाबा होलकर के रूप में सामने प्रकट हुए. बाबा का महाराज रूप में किया गया श्रृंगार जिसने देखा देखते ही रह गया. किसी भी पहचान उनके हंसते हुए मनमोहक रूप से की जाती है और बाबा का रूप भी उसी की पहचान है. साथ ही शिव पार्वती को चांदी के आभूषण चढ़ाकर श्रृंगार किया गया.
- शिव नवरात्रि में हुए ये कार्यक्रम
- शिव नवरात्रि के पहले दिन माता पार्वती और बाबा महाकाल का चंदन के रूप में श्रृंगार हुआ
- दूसरे दिन बाबा महाकाल ने शेषनाग धारण किया
- तीसरे दिन बाबा ने जटाओं को खोलकर निराकार से साकार रूप में आए और घटाटोप के रूप में दर्शन दिए
- चौथे दिन शिव जी का छबिना रूप में श्रृंगार किया
महाकाल का छबिना रूप, मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
- आगामी दिनों में ये होंगे श्रृंगार
आगामी दिनों में बाबा महाकाल का मनमहेश, उमा महेश, अर्धनारीश्वर, तांडव रूप में श्रृंगार होगा. विवाह के बाद बाबा महाकास दोबारा निराकार रूप धारण करेंगे. बाबा का साकार रूप भक्तों को मनमोह लेता है. इसी रूप में माता पार्वती के परिजनों ने बाबा को अपना दामाद रूप से स्वीकार किया था.
- राजा होलकर का रूप मनमोहक
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि बाबा महाकाल का राजा रूप बड़ा मनमोहक है. आज के दिन भक्तों द्वारा बाबा को अर्पित की गई वस्तुओं से बाबा को रूप दिया जाता है. अनादि काल में बाबा को एक भक्तों द्वारा अर्पित किया गया चांदी का मुकुट बाबा को आज पहनाया गया.