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Ujjain Mahakal Sawari: सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी, श्री जटाशंकर स्वरूप में दिए भक्तों को दर्शन - madhya pradesh news

मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने और प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले. सावन के सातवें सोमवार पर बाबा महाकाल ने श्री जटाशंकर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए.

Ujjain Mahakal Sawari
सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी
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Published : Aug 21, 2023, 10:24 PM IST

सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी शिव में रंगी नजर आ रही है. सोमवार को बाबा की भस्मारती हुई तो वहीं, साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर का मंदिर भी खुला है. वहीं, बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले और भक्तों को जटाशंकर के रूप में दर्शन दिए. श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, ''श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा, महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा व श्री जटाशंकर मुखारविंद'' सम्मिलित हुए.

भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का किया पूजनः भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया. उसके पश्चात भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले और बाबा महाकाल की पालकी का मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की ओर से पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई. उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची. जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया. इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.

Ujjain Mahakal Sawari
सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी

मंदिर प्रबंध समिति की ओर से जारी निर्देशः उज्जैन बाबा महाकाल की सवारी में भजन मंडलियों के प्रमुख अपनी भजन मंडलियों में निर्धारित संख्या में रहने, ड्रेसकोड का पालन करने व मंदिर प्रबंध समिति की ओर से जारी किए गए अनुमति पत्र अनिवार्य रूप से धारण करने के लिए निर्देशित किया. सवारी में झांकी, शोभारथ, डीजे, मुखौटे, ठेले, फोटो, भजन मंडली के नाम व भगवान के बैनर के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति विशेष का प्रचार-प्रसार संबंधित बैनर, होर्डिंग आदि नहीं लगाया जाए.

Ujjain Mahakal Sawari
सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी

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श्रद्धालुओं से की ये अपीलः सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि बाबा महाकाल की सवारी के दौरान सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारी भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढ़ाव रखें. दर्शना‍र्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें. दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें. श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फेंकें. सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें. इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें.

सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी शिव में रंगी नजर आ रही है. सोमवार को बाबा की भस्मारती हुई तो वहीं, साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर का मंदिर भी खुला है. वहीं, बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले और भक्तों को जटाशंकर के रूप में दर्शन दिए. श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, ''श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा, महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा व श्री जटाशंकर मुखारविंद'' सम्मिलित हुए.

भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का किया पूजनः भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया. उसके पश्चात भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले और बाबा महाकाल की पालकी का मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की ओर से पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई. उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची. जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया. इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.

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सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी

मंदिर प्रबंध समिति की ओर से जारी निर्देशः उज्जैन बाबा महाकाल की सवारी में भजन मंडलियों के प्रमुख अपनी भजन मंडलियों में निर्धारित संख्या में रहने, ड्रेसकोड का पालन करने व मंदिर प्रबंध समिति की ओर से जारी किए गए अनुमति पत्र अनिवार्य रूप से धारण करने के लिए निर्देशित किया. सवारी में झांकी, शोभारथ, डीजे, मुखौटे, ठेले, फोटो, भजन मंडली के नाम व भगवान के बैनर के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति विशेष का प्रचार-प्रसार संबंधित बैनर, होर्डिंग आदि नहीं लगाया जाए.

Ujjain Mahakal Sawari
सावन के सातवें सोमवार पर निकली महाकाल की सवारी

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श्रद्धालुओं से की ये अपीलः सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि बाबा महाकाल की सवारी के दौरान सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारी भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढ़ाव रखें. दर्शना‍र्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें. दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें. श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फेंकें. सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें. इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें.

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