उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल के प्रांगण में शिव पार्वती विवाह विवाह उत्सव हर साल मनाया जाता है. इस विवाह को देखने दूर दूर लोग यहां पहुंचते हैं. जिसके बाद यहां आने वाले भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. इसके बाद सोमवार को मंदिर क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था, यात्रियों के सामान सहित यहां पहुंचने वालों की सुरक्षा के लिए आला अधिकारियों ने मौका मुआयना किया. जिसमें मुख्य रुप से जिला कलेक्टर, कमिश्नर, उज्जैन आईजी सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे.
बजट से एक दिन पहले हाईटेक हुए विधायक
कोरोना गाइडलाइन का पालन
कमिश्नर व आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रद्धालुओं को बहुत ज्यादा असुविधा नहीं हो ना कोरोना का समय है, तो सामाजिक दूरी माक्स, सैनिटाइजर जैसी बातों का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही लोगों का सामान जो अक्सर उन्हें दूसरे रास्तों से होकर निकलना पड़ता है और लौटकर लेने आना होता है उसका ध्यान रखना पार्किंग के लिए सुविधा दी जाना है. सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की जाना है और इसीलिए आज सभी अधिकारियों के साथ निरीक्षण पर हम पहुंचे. तमाम श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से ही प्रवेश मिलेगा. इसके साथ ही दिल्ली से आने वाले लोगों को कोई रिपोर्ट नहीं दिखाना है.
धूमधाम से मनाई जाती है शिवरात्रि
दरअसल विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की आंगन में प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि का पर्व बड़े जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है. बाबा के विवाह उत्सव में उससे पहले 9 दिन तक नवरात्रि में होने वाले अलग-अलग प्रकार के सिंगार दर्शन का लाभ लेने हजारों लाखों श्रद्धालु आते हैं. जिनकी सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने निरीक्षण किया.
पुराणों के अनुसार मान्यता है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि सृष्टि का प्रभार इस दिन से हुआ पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरंभ अग्निलिंग जो महादेव का विशाल स्वरूप है. उनके उदय से हुआ इस दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था. हर साल में होने वाली 12 शिवरात्रि में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही धूमधाम उत्साह के साथ मनाया जाता है.