उज्जैन। जिले के तराना विधायक महेश परमार को लेकर नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन ने अपने ही क्षेत्रीय प्रबंधक को एक शिकायत पत्र लिखा है. जिसमें विधायक द्वारा एनबीएचसी के कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी और किसानों का खराब फसल को जबरन खरीदवाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि इस पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अधिकारी, कर्मचारी बीजेपी के दबाव में किसानों का गेहूं खरीदने में आनाकानी कर रही है. जिसके कारण विधायक परमार किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं.
मध्यप्रदेश में गेहूं की आवक अब सरकारी वेयरहाउस और साइलो सहित एनबीएचसी द्वारा खरीदारी की जा रही है. जिसके अंतर्गत अलग-अलग क्वॉलिटी की फसल को अलग-अलग दामों पर सरकार खरीद रही है. लेकिन कल एनबीएचसी नेशनल बल्क हेंडलिंग कॉरपोरेशन द्वारा एक शिकायती पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिसमें अपने ही क्षेत्रीय प्रबंधक को एनबीएचसी के कर्मचारियों ने लिखा है. जिसमें अवगत कराया गया है कि तराना में खराब गेहूं की फसल को खरीदने के लिए विधायक दबाव बना रहे हैं और कर्मचारियों को हाथ पैर तोड़ने की धमकी तक दे रहे हैं.
वहीं विधायक परमार का आरोप है कि 12 प्रतिशत तक नमी वाला गेहूं लाने वाले किसानों को चार -चार दिन तक खड़ा रखा जा रहा है. तपती गर्मी में उनकी खाने पानी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. किसान तपती गर्मी में परेशान हो रहा है. जिसके चलते एनबीएचसी के अधिकारियों से किसानों के हित की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी . हालांकि अब देखना होगा कि क्या एनबीएचसी कि इस शिकायत पर विधायक परमार के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं.