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सिर्फ नाग पंचमी पर खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में भक्तों की नो एंट्री, वर्चुअल कर सकेंगे दर्शन

साल में एक दिन सिर्फ नाग पंचमी पर 24 घंटे के लिए खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर में इस बार श्रद्धालुओं के जाने की अनुमति नहीं है. हालांकि, श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे.

mahakal
महाकाल मंदिर
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Published : Aug 7, 2021, 8:16 AM IST

उज्जैन। इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त को पड़ रहा है, सिर्फ इसी दिन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खुलते थे, पर इस बार भक्तों को भगवान नागचंद्रेश्वर दर्शन नहीं देंगे, वो सिर्फ वर्चुअल ही दर्शन देंगे. कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार सिर्फ ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है. इसके लिए महाकाल मंदिर के एप और शोसल मीडिया का उपयोग किया जाएगा. कलेक्टर एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि उक्त निर्णय पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की सहमति से लिया गया है. नागपंचमी के दिन परम्परागत शासकीय पूजन यथावत रहेगा. प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की तादाद और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए श्रद्धालुओ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. नाग पंचमी के दिन भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन भी प्री बुकिंग करके ही किया जा सकेगा.

साल में एक बार 24 घंटे के लिए खुलता है मंदिर

वर्ष में एक बार 24 घण्टे के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित है. नागपंचमी भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है. प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु आनंद-उमंग और आस्था के साथ यहां पहुंचते हैं, पर इस बार कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश और दर्शन की अनुमति नहीं दी गयी है, पिछले वर्ष की तरह इस बार भी मंदिर समिति ने महाकाल एप और वेब साइट के माध्यम से लाइव दर्शन की व्यवस्था किया है.

साल में केवल एक बार दोपहर में होती है महाकाल की भस्म आरती

11वीं शताब्दी में बने इस मंदिर शिखर के मध्य बने नागचंद्रेश्वर मंदिर में शेषनाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा है, साल में केवल एक बार ही खुलने वाले इस मंदिर में दर्शन के लिए हर साल करीब दो से तीन लाख श्रद्वालु आते थे, कोरोना महामारी के कारण इस बार श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर का दर्शन नहीं मिलेगा. मान्यता है कि भगवान नागचंद्रेश्वर के इस दुर्लभ दर्शन से कालसर्प दोष का भी निवारण होता है, वंही ग्रह शांति, सुख-सम्रद्धि और उन्नति के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं.

नागचंद्रेश्वर शेषनाग की गोद में बैठा शिव परिवार

बाबा महाकाल मंदिर के शीर्ष पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन इस वर्ष भी श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे, कोरोना प्रोटोकॉल के तहत जिला प्रशासन व मंदिर समिति ने ये निर्णय लिया है. परंपरागत शासकीय पूजन पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज द्वारा किया जाएगा, श्रद्धालुऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे, श्रद्धालू बाबा महाकाल मंदिर की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in और सोशल मीडिया एकाउंट पर ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं. नाग पंचमी पर बाबा महाकाल के दर्शन भी प्री बुकिंग के बिना नहीं कर सकेंगे.

उज्जैन। इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त को पड़ रहा है, सिर्फ इसी दिन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खुलते थे, पर इस बार भक्तों को भगवान नागचंद्रेश्वर दर्शन नहीं देंगे, वो सिर्फ वर्चुअल ही दर्शन देंगे. कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार सिर्फ ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है. इसके लिए महाकाल मंदिर के एप और शोसल मीडिया का उपयोग किया जाएगा. कलेक्टर एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि उक्त निर्णय पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की सहमति से लिया गया है. नागपंचमी के दिन परम्परागत शासकीय पूजन यथावत रहेगा. प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की तादाद और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए श्रद्धालुओ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. नाग पंचमी के दिन भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन भी प्री बुकिंग करके ही किया जा सकेगा.

साल में एक बार 24 घंटे के लिए खुलता है मंदिर

वर्ष में एक बार 24 घण्टे के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित है. नागपंचमी भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है. प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु आनंद-उमंग और आस्था के साथ यहां पहुंचते हैं, पर इस बार कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश और दर्शन की अनुमति नहीं दी गयी है, पिछले वर्ष की तरह इस बार भी मंदिर समिति ने महाकाल एप और वेब साइट के माध्यम से लाइव दर्शन की व्यवस्था किया है.

साल में केवल एक बार दोपहर में होती है महाकाल की भस्म आरती

11वीं शताब्दी में बने इस मंदिर शिखर के मध्य बने नागचंद्रेश्वर मंदिर में शेषनाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा है, साल में केवल एक बार ही खुलने वाले इस मंदिर में दर्शन के लिए हर साल करीब दो से तीन लाख श्रद्वालु आते थे, कोरोना महामारी के कारण इस बार श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर का दर्शन नहीं मिलेगा. मान्यता है कि भगवान नागचंद्रेश्वर के इस दुर्लभ दर्शन से कालसर्प दोष का भी निवारण होता है, वंही ग्रह शांति, सुख-सम्रद्धि और उन्नति के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं.

नागचंद्रेश्वर शेषनाग की गोद में बैठा शिव परिवार

बाबा महाकाल मंदिर के शीर्ष पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन इस वर्ष भी श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे, कोरोना प्रोटोकॉल के तहत जिला प्रशासन व मंदिर समिति ने ये निर्णय लिया है. परंपरागत शासकीय पूजन पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज द्वारा किया जाएगा, श्रद्धालुऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे, श्रद्धालू बाबा महाकाल मंदिर की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in और सोशल मीडिया एकाउंट पर ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं. नाग पंचमी पर बाबा महाकाल के दर्शन भी प्री बुकिंग के बिना नहीं कर सकेंगे.

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