उज्जैन। कोरोना संकट के बीच सरकारी अस्पतालों में भी पैसे देकर आईसीयू से लेकर सामान्य बेड तक उपलब्ध कराए जाने की खबर लगातार सामने आर ही हैं. माधव नगर कोविड अस्पताल में इस तरह के गंभीर आरोप केबिनेट मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि पर लगे हैं. दअरसल, खुद को मंत्री का प्रतिनिधि कहने वाले अभय विश्वकर्मा पर गंभीर आरोप अस्पताल के प्रभारी रहे डॉ संजीव कुमरावत ने लगाए हैं.
ये है पूरा मामला
डॉ. कुमरावत ने कहा, 'अभय ने अस्पताल को हाईजेक कर लिया है, गैर कानूनी तरीके से यहां के बेड पर कब्जा करता है. इन बातों से तंग आकर डॉ. कुमरावत ने माधव नगर अस्पताल का जिम्मा संभाले नगर निगम कमिशनर क्षितिज सिंघल से वाट्सएप पर अपना ट्रांसफर नागदा करने की गुहार लगाई. देखते ही देखते ये चैट वायरल होने लगी है. वहीं, अभय अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकार रहा है.'
कुमरावत ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं, डॉ. कुमरावत लगातार कह रहे हैं कि 'मुझे माधव नगर से रिलीव करा दें, यहां बहुत परेशानी है, नागदा में 50 बेड वाला अस्पताल शुरू हो रहा है. आप वहां ट्रांसफर कर दीजिये.' इसके बाद अगले ही दिन डॉ. कुमरावत का ट्रांसफर हो गया, लेकिन आज डॉ कुमरावत ने मंत्री मोहन यादव का प्रतिनिधि बताने वाले अभय विश्वकर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कुमरावत ने कहा है की अभय गैर कानूनी तरीके से अस्पताल के बेड पर कब्जा करता था. उन्होंने कहा, टमैं 25 दिन प्रभारी रहा तो टोकन सिस्टम बनाया, लेकिन अभय को ये पसंद नहीं आया, क्योंकि इसके कारण उसका काम बंद हो गया था. दरअसल, मामला गंभीर होने पर अधिकारियों ने कुछ समय के लिए माधव नगर अस्पताल में अभय को प्रतिबंधित कर दिया था.
कांग्रेस विधायक ने भी लगाए आरोप
इस संबंध में तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने आरोप लगाया कि, अभय अस्पताल के गेट पर खड़ा रहता था, इसके नाते मोहन यादव को इस्तीफा देना चाहिए. क्योंकि, अभय उनका प्रतिनिधि है. अस्पताल में बेड बेचने की जानकरी हमने भी मंत्री मोहन यादव को दी थी. अभय पर लगे आरोप पूर्णतः सत्य हैं. वहीं, दूसरी ओर हमारे सूत्रों ने बताया की आईसीयू के अधिकतर बेड अभय के इशारों पर ही अलॉट होते थे. अगर इसकी सही मायनों में जांच की जाए, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.