ETV Bharat / state

उज्जैन को स्मार्ट सिटी के रूप में नहीं 'धार्मिक नगरी' के रूप में विकसित करे सरकार

उज्जैन में सोमवार को सभी साधु-संतों की मीटिंग हुई. इस दौरान उन्होंने उज्जैन को स्मार्ट सिटी के बजाय धार्मिक नगरी का दर्जा देने की मांग की गई.

saints meeting
साधु-संतों की मीटिंग
author img

By

Published : Nov 9, 2020, 6:06 PM IST

उज्जैन। सोमवार को महाकाल की नगरी उज्जैन में चार धाम मंदिर में सभी साधु-संतों की विशेष मीटिंग हुई. जिसके बाद संतों की मांग है कि उज्जैन को स्मार्ट सिटी के बजाय धार्मिक नगरी का दर्जा दिया जाए. इस दौरान स्मार्ट सिटी के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर महाकाल मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों को लेकर उज्जैन के साधु संत और समाजसेवियों ने जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी भी जताई है.

'धार्मिक नगरी' के रूप में विकसित हो उज्जैन

जानकारी के मुताबिक रविवार शाम करीब 13 अखाड़ों के साधु-संतों ने रुद्र सागर महाकालेश्वर मंदिर के फेस वन और फेस टू के तहत बन रहे म्यूजियम एंट्री गेट पार्किंग धर्मशाला और ऋषि मुनि सहित भगवान शिव की मूर्ति विराजित करने को लेकर एकमत होकर कहा कि इसको लेकर साधु संतों से राय ली जाए.

कही गई ये बातें-

  • महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मीटिंग का उद्देशय उज्जैन को स्मार्ट सिटी नहीं धर्म नगरी को बनाने का था.
  • यहां का विकास धार्मिक दृष्टि से किया जाए. उज्जैन में आने वाले हर व्यक्ति का एक ही मकसद होता है, शिप्रा नदी में स्नान और महाकाल के दर्शन करना. तो शिप्रा का जल स्वच्छ हो. महाकाल की सभ्यता प्राचीन संस्कृति अक्षुण बनी रहे.
  • श्रद्धालुओं को सिर्फ आकर्षित नहीं करना है. वह तो यहां ऐसे ही श्रद्धा से दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन जो कुछ हो रहा है साधु-संत को विश्वास में लेकर किया जाए
  • आगामी सिंहस्थ को लेकर भी स्वामी ने कहा कि रूद्र सागर का विकास कर रहे हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यहां बैठे हुए शंकराचार्य से राय ली जाए, सिंहस्थ में यदि एक भी शंकराचार्य नहीं पहुंचा तो उसका परिणाम क्या होगा आप नहीं जानते हैं.
  • मीटिंग में आने वाले सभी लोग सहमत हैं, हमारा अगला कदम कुछ और हो, इसके लिए पहले से प्रशासन संभल जाए.
  • अतुलेश आनंद सरस्वती महामंडलेश्वर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो तोड़फोड़ की जा रही है, उसमें कुछ मंदिर भी आ रहे हैं. उसका दोबारा जीणोद्धार होगा या नहीं इस विषय पर भी चर्चा की गई.
  • साथ ही शिप्रा नदी शुद्धिकरण के लिए विशेष चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि मुस्लिम क्षेत्रों से नाले बह कर आते हैं, उस में मांस के टुकड़े-हड्डियां शामिल होती हैं. वह सब बंद होना चाहिए, जिसको लेकर संतों ने निर्णय लिया है कि जिलाधीश और प्रशासन संतों के साथ बैठक कर इस विषय पर चर्चा करें.

स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्य

महाकाल मंदिर तहत स्मार्ट सिटी योजना में कई बड़े कार्य इस समय चल रहे हैं.

  • मंदिर के आसपास 500 मीटर क्षेत्र को मैदान में तब्दील करना.
  • रुद्रसागर योजना में देवी देवता ऋषि-मुनियों की मूर्ति लगाया जाना.
  • महाकाल मंदिर में रुद्र सागर के पास नया प्रवेश द्वार बनाया जाना, जो मंदिर की पुरानी धर्मशाला और अन्य क्षेत्र को छोड़कर नया बनाया जाना प्रस्तावित है.
  • इसके साथ ही पार्किंग गार्डन और बाद के लिए तमाम और भी प्रोजेक्ट हैं.

उज्जैन। सोमवार को महाकाल की नगरी उज्जैन में चार धाम मंदिर में सभी साधु-संतों की विशेष मीटिंग हुई. जिसके बाद संतों की मांग है कि उज्जैन को स्मार्ट सिटी के बजाय धार्मिक नगरी का दर्जा दिया जाए. इस दौरान स्मार्ट सिटी के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर महाकाल मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों को लेकर उज्जैन के साधु संत और समाजसेवियों ने जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी भी जताई है.

'धार्मिक नगरी' के रूप में विकसित हो उज्जैन

जानकारी के मुताबिक रविवार शाम करीब 13 अखाड़ों के साधु-संतों ने रुद्र सागर महाकालेश्वर मंदिर के फेस वन और फेस टू के तहत बन रहे म्यूजियम एंट्री गेट पार्किंग धर्मशाला और ऋषि मुनि सहित भगवान शिव की मूर्ति विराजित करने को लेकर एकमत होकर कहा कि इसको लेकर साधु संतों से राय ली जाए.

कही गई ये बातें-

  • महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मीटिंग का उद्देशय उज्जैन को स्मार्ट सिटी नहीं धर्म नगरी को बनाने का था.
  • यहां का विकास धार्मिक दृष्टि से किया जाए. उज्जैन में आने वाले हर व्यक्ति का एक ही मकसद होता है, शिप्रा नदी में स्नान और महाकाल के दर्शन करना. तो शिप्रा का जल स्वच्छ हो. महाकाल की सभ्यता प्राचीन संस्कृति अक्षुण बनी रहे.
  • श्रद्धालुओं को सिर्फ आकर्षित नहीं करना है. वह तो यहां ऐसे ही श्रद्धा से दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन जो कुछ हो रहा है साधु-संत को विश्वास में लेकर किया जाए
  • आगामी सिंहस्थ को लेकर भी स्वामी ने कहा कि रूद्र सागर का विकास कर रहे हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यहां बैठे हुए शंकराचार्य से राय ली जाए, सिंहस्थ में यदि एक भी शंकराचार्य नहीं पहुंचा तो उसका परिणाम क्या होगा आप नहीं जानते हैं.
  • मीटिंग में आने वाले सभी लोग सहमत हैं, हमारा अगला कदम कुछ और हो, इसके लिए पहले से प्रशासन संभल जाए.
  • अतुलेश आनंद सरस्वती महामंडलेश्वर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो तोड़फोड़ की जा रही है, उसमें कुछ मंदिर भी आ रहे हैं. उसका दोबारा जीणोद्धार होगा या नहीं इस विषय पर भी चर्चा की गई.
  • साथ ही शिप्रा नदी शुद्धिकरण के लिए विशेष चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि मुस्लिम क्षेत्रों से नाले बह कर आते हैं, उस में मांस के टुकड़े-हड्डियां शामिल होती हैं. वह सब बंद होना चाहिए, जिसको लेकर संतों ने निर्णय लिया है कि जिलाधीश और प्रशासन संतों के साथ बैठक कर इस विषय पर चर्चा करें.

स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्य

महाकाल मंदिर तहत स्मार्ट सिटी योजना में कई बड़े कार्य इस समय चल रहे हैं.

  • मंदिर के आसपास 500 मीटर क्षेत्र को मैदान में तब्दील करना.
  • रुद्रसागर योजना में देवी देवता ऋषि-मुनियों की मूर्ति लगाया जाना.
  • महाकाल मंदिर में रुद्र सागर के पास नया प्रवेश द्वार बनाया जाना, जो मंदिर की पुरानी धर्मशाला और अन्य क्षेत्र को छोड़कर नया बनाया जाना प्रस्तावित है.
  • इसके साथ ही पार्किंग गार्डन और बाद के लिए तमाम और भी प्रोजेक्ट हैं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.