उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर और शिवलिंग शरण को लेकर 2017 में याचिका दायर हुई थी. याचिका पर फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती को जांचने के लिए रुड़की की केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान को आदेशित किया था. 2 दिन के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंची टीम ने मीडिया से जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया. लेकिन उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सीबीआरआई की टीम के अनुसार महाकाल मंदिर का स्ट्रक्चर काफी मजबूत है. मंदिर में एक दो जगह कमियां मिली है. जिसकी रिपोर्ट सीबीआरआई की टीम सुप्रीम कोर्ट में सौंपेगी.
- सीबीआरआई के अधिकारी संतुष्ट
उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि सेंट्रल बिल्डिंग इंस्टिट्यूट के साइंटिस्ट डॉ. अंचल मित्तल और एक प्रोफेसर महाकाल मंदिर पहुंचे हैं. दोनों सदस्य केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की से ही आए हैं. जो कि महाकाल मंदिर के भवन की मजबूती के बारे में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे. दोनो अधिकारियों से कल मीटिंग हुई है. बैठक में दोनो अधिकारियों ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर का स्ट्रक्चर काफी मजबूत है. हालांकि एक दो जगह कमियां है, उसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देंगे.
तेरा तुझको अर्पण! बेबी बाई की पाई-पाई महाकाल को समर्पित
- नागचंद्रेश्वर मंदिर के रास्ते में होगा बदलाव
नागचंद्रेश्वर भगवान का मंदिर महाकाल मंदिर के द्वितीय तल पर मौजूद है. जो कि साल में एक बार ही खुलता है. लेकिन मंदिर में दर्शन करने के लिए कोई बड़ा रास्ता नहीं है. साल में नाग पंचमी पर खुलने वाले इस मंदिर में एक दिन में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में हर साल प्रशासन एक अस्थाई लोहे की सीढ़ियां बनाता है. जिस पर चलकर श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचते हैं. लेकिन अब सीबीआरआई की टीम से सलाह लेने के बाद बहुत जल्द मंदिर समिति मंदिर के रास्ते में बदलाव करेगी.