उज्जैन। जिले के महिदपुर में कोरोना वायरस संक्रमित मरीज मात्र 14 दिन में स्वस्थ होकर घर लौट आया है. महिदपुर के घाटी मोहल्ला निवासी 20 साल का सुमित दुबे पूरी तरह अपनी मां पर आश्रित है क्योंकि वह न तो बोल सकता है और न ही चल सकता है.
आपको बता दें कि 3 मई को सुमित के ताऊ अश्विन दुबे की उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद 5 मई को अश्विन दुबे की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. संयुक्त परिवार होने के कारण कांटेक्ट हिस्ट्री के आधार पर लिए गए नमूनों की जांच में 7 मई को दिव्यांग सुमित और उसके पिता अनिल दुबे की पॉजिटिव रिपोर्ट आने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. जिसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग की टीम एंबुलेंस लेकर घाटी मोहल्ला स्थित निवास पर पहुंची और दिव्यांग सुमित को उसके पिता के साथ गाड़ी में बैठाकर उज्जैन ले गई. जिसके बाद से उसका इलाज जारी था.
2 सप्ताह तक कोरोना से चली जंग में 20 मई को जब सुमित और उसके पिता अनिल दुबे ने जैसे ही रात 10 बजे एंबुलेंस से घाटी मोहल्ले में प्रवेश किया तो पूरे मोहल्ले के लोग हर्षोल्लास के साथ तालियां बजाकर कोरोना संक्रमित पिता-पुत्र का स्वागत किया
उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान दिव्यांग सुमित को आईसीयू में भर्ती होने पर महिदपुर समाजसेवी विजय चौधरी को पता चला तो उन्होंने केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत से मोबाइल पर कोरोना संक्रमित सुमित और उसके माता-पिता के बारे में चर्चा कर उनसे मदद का अनुरोध किया. जिस पर गहलोत ने तत्काल मोबाइल पर ही आवेदन मंगाकर सुमित के उपचार हेतु प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक निर्देश दिए. मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री बाबूलाल जैन से भी चर्चा कर दिव्यांग सुमित के उपचार के लिए निवेदन किया गया.
परिवार के तीनों कोरोना संक्रमित सदस्यों के पूर्णतः स्वस्थ होकर सकुशल वापसी पर जिस भाव से मोहल्ले वासियों ने हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया, ऐसे में दिव्यांग सुमित को साथ लेकर पिता अनिल दुबे और माता बबीता दुबे ने घर से हाथ जोड़कर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया.