उज्जैन। देशभर में मनाए जाने वाले होली के त्योहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से होती है. सबसे पहले होली का त्योहार विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में होली का उत्सव मनाया जाता है. यहां संध्या आरती में पुजारी ने बाबा महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेली. जहां हजारों की संख्या में भक्तों ने भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली मनाई, वहीं आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से भर गया. इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए श्रद्धालु हर साल उज्जैन पहुंचते है.
श्रद्धालुओं ने खेली बाबा महाकाल के संग होली
10 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा, लेकिन उज्जैन के महाकाल मंदिर में होली के त्योहार की शुरुआत एक दिन पहले ही हो गई है. यहां परंपरा के अनुसार संध्या आरती में बाबा महाकाल को रंग लगाया गया. श्रद्धालुओं और पंडे पुजारियों ने आरती में लीन होकर अबीर गुलाल और फूलों के साथ होली खेली. आरती के बाद मंदिर परिसर में मंत्रोच्चार के बाद होलिका दहन किया गया.
देश-विदेश से कई भक्त उज्जैन में मनाई जाने वाली इस होली को देखने के लिए आते हैं. आरती के समय बाबा के भक्तों पर भी होली का रंग चढ़ जाता है और बच्चे, बड़े सभी महाकाल के रंग मे रंग जाते हैं. महाकाल मंदिर में 1 दिन पहले होली का पर्व मनाए जाने की परंपरा आदि अनादि काल से चली आ रही है. यहां सबसे पहले महाकाल के आंगन में होलिका दहन होता है और शहर भर में होली मनाई जाती है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुलाल और फूलों के साथ होली खेली और जमकर थिरके.